➤ जिंदा पिता की श्रद्धांजलि सभा कर बेटे ने मांगा 25 लाख मुआवजा
➤ पोस्टर, यात्रा, ढोल-बाजे के साथ श्रद्धांजलि, लेकिन पिता निकले जिंदा
➤ गांव की पंचायत ने बेटे राजेंद्र का किया सामाजिक बहिष्कार
हरियाणा के फरीदाबाद जिले के पन्हेड़ा कलां गांव में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को हैरान कर दिया। यहां एक बेटे ने अपने जिंदा पिता की श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर दी, सिर्फ इसलिए कि उसे सरकार से 25 लाख रुपए का मुआवजा मिल सके।

3 अगस्त 2025 को स्वामी राजेंद्र देव महाराज नाम के व्यक्ति ने अपने 79 वर्षीय पिता लालचंद उर्फ लूला की श्रद्धांजलि सभा धूमधाम से रखी। गांव में 50 से अधिक पोस्टर लगाए गए, ढोल-बाजे के साथ यात्रा निकाली गई और मंदिरों में रोटियां बांटी गईं। श्रद्धांजलि में 21 किलो आटे का दीपक जलाया गया।
लेकिन जब यह सब कुछ असली पिता लालचंद ने वीडियो में देखा, तो वह हैरान रह गए। उन्होंने तुरंत अपना एक वीडियो बनाकर गांव के सरपंच को भेजा, जिसमें उन्होंने बताया कि वह पूरी तरह जीवित हैं। इसके बाद वह खुद गांव पहुंचे और गांव के मंदिर में पंचायत बुलाई।
पंचायत ने बेटे राजेंद्र का सामाजिक बहिष्कार कर दिया और तय किया कि पुलिस को शिकायत दी जाएगी ताकि कानूनी कार्रवाई हो सके।
पिता लालचंद ने आरोप लगाया है कि उसका बेटा और बहू उसे जान से मारना चाहते थे, इसलिए वह 9 महीने पहले घर से भाग गए। उन्होंने बताया कि बेटा उन्हें मारता-पीटता था, भोजन नहीं देता था और नौकरों की तरह काम कराता था।

राजेंद्र ने सफाई देते हुए कहा कि यह श्रद्धांजलि सभा पिता को ढूंढने का तरीका था। उसका कहना है कि उसे शक था कि किसी ने पिता को 1 करोड़ रुपए के लालच में किडनैप कर लिया है।
हालाँकि पिता ने साफ कहा है कि उसके पास कोई 1 करोड़ रुपए नहीं हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद की जान बचाने के लिए भाई के घर शरण ली थी और वहीं रह रहे थे।
पंचायत में हुए फैसले के अनुसार, राजेंद्र और उसके परिवार का हुक्का-पानी बंद कर दिया गया है और उन्हें गांव से समाजिक रूप से बहिष्कृत कर दिया गया है।
गांव के सरपंच धर्मवीर ने बताया कि लालचंद ने जब श्रद्धांजलि सभा का वीडियो देखा, तो उन्होंने तुरंत उन्हें जिंदा होने की पुष्टि वाला वीडियो भेजा। सरपंच ने मौके पर पहुंचकर श्रद्धांजलि सभा को रुकवाया और सच्चाई सभी को बताई।
बेटे राजेंद्र का इतिहास भी दिलचस्प है। वह कभी दिल्ली के एक बड़े होटल में नौकरी करता था, फिर उसने इवेंट कंपनी चलाई, और बाद में खुद को ‘स्वामी राजेंद्र देव महाराज’ घोषित कर पिता की जमीन पर आश्रम बना लिया।
अब मामला पुलिस तक पहुँच चुका है और देखने वाली बात होगी कि बेटे राजेंद्र देव महाराज के खिलाफ कौन-कौन से कानूनी कदम उठाए जाते हैं।