➤भारत अमेरिका को लगभग 40% जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करता है
➤भारत-अमेरिका व्यापार रिश्तों में तनाव बढ़ा
➤ डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय दवाओं पर 250% टैरिफ की दी धमकी
➤ ट्रंप बोले- दवाओं का उत्पादन अमेरिका में हो, भारत पर नहीं रहे निर्भरता
भारत और अमेरिका के व्यापार संबंधों में एक बार फिर तल्खी आ गई है। तेल व्यापार, डिजिटल टैक्स, वीजा नीतियों और डिफेंस डील्स के मुद्दे पहले ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा चुके हैं, और अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ताजा बयान इस तनाव को और गहरा कर सकता है। ट्रंप ने अब भारतीय दवाओं पर 250% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। उन्होंने साफ कहा कि अमेरिका को अपनी दवाओं के लिए भारत पर इतनी बड़ी मात्रा में निर्भर नहीं रहना चाहिए। ट्रंप के अनुसार, अमेरिका में दवाओं का उत्पादन बढ़ाया जाना जरूरी है, ताकि रोजगार भी देश में ही सृजित हो और दवा सुरक्षा भी बनी रहे।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत अमेरिका को लगभग 40% जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करता है, और यह कारोबार भारत के फार्मा उद्योग की रीढ़ है। यदि यह टैरिफ लागू होता है, तो भारतीय दवाएं अमेरिकी बाजार में महंगी हो जाएंगी, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता घटेगी और निर्यात प्रभावित हो सकता है। इससे भारत के फार्मा क्षेत्र को बड़ा झटका लग सकता है, खासकर उन कंपनियों को जो अमेरिका को दवा सप्लाई करती हैं।
ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि भारत और अन्य देश अनुचित व्यापार प्रथाओं में लिप्त हैं, जिससे अमेरिकी कंपनियों को नुकसान होता है। उन्होंने घरेलू दवा उद्योग को बढ़ावा देने की जरूरत बताते हुए कहा कि इस टैरिफ से अमेरिकी कंपनियों को मजबूती मिलेगी और स्थानीय रोजगार भी पैदा होंगे।
हालांकि अभी अमेरिकी प्रशासन या वाणिज्य विभाग की ओर से इस धमकी पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन ट्रंप के इस बयान ने व्यापार विशेषज्ञों और फार्मा सेक्टर के बीच बहस छेड़ दी है। कुछ का मानना है कि यह कदम अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए दवाओं की कीमतें बढ़ा देगा, तो कुछ इसे राष्ट्रहित में सही ठहरा रहे हैं।
भारत की ओर से भी अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ट्रंप के इस तेवर ने यह संकेत जरूर दे दिया है कि आगामी महीनों में दोनों देशों के बीच व्यापार और कूटनीतिक रिश्तों में और खिंचाव देखा जा सकता है।