Sikha Antil

Haryana सिविल सर्विस की परीक्षा में गांव की बेटी का डंका, पहले ही प्रयास में पाई सफलता

हरियाणा की शान सोनीपत

Haryana सिविल सर्विस की परीक्षा में खेवडा गांव की बेटी शिखा आंतिल ने 17वां रैंक हासिल कर परचम लहराया है। शिखा आंतिल की उपलब्धि को लेकर परिवार में खुशी की लहर है। मिठाई -लड्डू बांटकर बेटी को बधाई दी गई। यूपीएससी की तैयारी कर रही बेटी ने मां और बहन के कहने पर हरियाणा सिविल सर्विस का एग्जाम दिया और पहले ही प्रयास में 17वां रैंक हासिल कर परिवार और गांव का नाम रोशन किया है। दिल्ली विश्व विद्यालय से एमएससी की पढ़ाई करने के साथ-साथ हरियाणा सिविल सर्विस में सिलेक्ट हुई बेटी शिखा ने दिन रात मेहनत करके मुकाम हासिल किया है। परिवार में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

पहली बार तीन साल की उम्र में जिद्द से स्कूल में एडमिशन करवाया था। बड़ी बहन हिमानी को स्कूल जाता देख बस मे जाने की जिद्द ने शिखा को हमेशा शिखर पर रखा है। शिखा ने 2019 में अपनी 12वीं की पढ़ाई एक निजी स्कूल से की थी। वहीं ग्रेजुएशन 2022 में किरोड़ीमल कॉलेज से पूरी की। दिल्ली विश्वविद्यालय से एमएससी की पढ़ाई कर रही है। लेकिन एचसीएस के लिए फिजिकल मेजरमेंट होने के कारण 7 जून को एमएससी केमिस्ट्री इन ऑर्गेनिक का एग्जाम देने से वंचित रहना पड़ा। बिना कोचिंग के परीक्षा पास करने वाली शिखा आंतिल ने अपनी कामयाबी का श्रेय पूरे परिवार को दिया है।

शिखा का भाई एसपी के पद पर कार्यरत

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शिखा आंतिल के प्रेरणा स्रोत उनके भाई सतपाल आंतिल भी रहे हैं। आईपीएस सतपाल आंतिल आजकल यूपी के प्रतापगढ़ में बतौर एसपी के पद पर कार्यरत है। वही उनके चाचा विकास आंतिल का भी उनके जीवन में काफी महत्वपूर्ण योगदान है। एक बेहतरीन मोटिवेटेड और गाइड करने वाले गुरु के रूप में भी उनकी भूमिका रही है। चाचा विकास ने गुरु के तौर पर शिखा की उपलब्धि पर चॉकलेट, टॉफी नहीं बल्कि हाथों में किताब थमाई और कहा कि किताबों के प्रति लगाव ने उसे कामयाबी के पायदान पर खड़ा किया है।

शिखा ने भले ही एचसीएस में सलेक्शन पा लिया है। लेकिन शिखा 12वीं की स्टूडेंट की भांति नजर आती है। पहले ही प्रयास में सफलता के झंडे गाड़ने वाली शिखा ने कभी शिकायत का मौका नहीं दिया और ना ही कभी पीछे मुड़कर देखा। संयुक्त परिवार की मजबूत बुनियाद और शिक्षाविद परिवार होने के कारण शिखा आंतिल पहली कक्षा से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन करने के दौरान हमेशा टॉपर रही है। ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान बीच में 6 महीने के मिले टाइम में ही तैयारी की है।

डांस करने और फिल्म देखने की शौकीन

उसके बाद शिखा ने पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए प्रतिदिन अपने घर से दिल्ली यूनिवर्सिटी में आना-जाना रखा और बस में बैठते ही किताबों को पढ़ना शुरू कर देती थी। तीन से चार घंटे सफर में बिताने वाली पढ़ाई के अलावा कोई और लक्ष्य निर्धारित नहीं किया। शिखा डांस करने और फिल्म देखने की शौकीन है। लेकिन अपने शो को भी हमेशा उन्होंने अपने से दूर रखा क्योंकि अर्जुन की भांति उन्हें अपना लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है। यूपीएससी की तैयारी को लेकर लगातार अभी भी पढ़ाई कर रही है। 2 दिन पहले ही यूपीएससी का एग्जाम देकर आई है।

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शिखा के माता-पिता भी ग्रेजुएट हैं और परिवार में सीख के अतिरिक्त उसकी बड़ी बहन और एक छोटा भाई है। उनके जीवन की शुरुआत कुछ इस कदर हुई कि ग्रेजुएशन के अंतिम एग्जाम के दौरान यूपीएससी का रिजल्ट आया था और उसी दिन से उसकी बहन और उसकी मां ने उसे मोटिवेट किया कि तुम भी यूपीएससी क्लियर कर सकती हो। और उस दिन के बाद कभी पलट कर वापस से नहीं देखा।

हालांकि यूपीएससी की तैयारी के दौरान ही एचसीएस का एग्जाम भी माता-पिता के कहने से अप्लाई किया था। और पहले ही प्रयास में कामयाबी हासिल कर ली। शिखा का सपना है कि वह अपने शहर में ही एक sdm बनकर आए और समाज में अधिकारी के तौर पर बदलाव लेकर आए। शिखा का कहना है कि जैसे उनके माता-पिता ने उन्हें पढ़ा लिखा कर यहां तक पहुंचा है, अन्य लड़कियों को भी पढ़ाया जाना चाहिए और समय से पहले शादी नहीं होनी चाहिए आगे बढ़ने का पूरा अवसर लड़कियों को भी मिलना चाहिए।

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