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500 रुपए रोज़ कमाने वाले को 37 करोड़ का नोटिस, सिस्टम की मार!

हरियाणा

● सिरसा के सैलून संचालक को इनकम टैक्स का 37.87 करोड़ का नोटिस
● सैलून संचालक बोला- मेरी तो रोज की कमाई 500 रुपये भी नहीं
● कर्ज के लिए दिए दस्तावेजों के दुरुपयोग की आशंका, थाने और डीसी ऑफिस में की शिकायत


Barber Tax Notice: हरियाणा के सिरसा जिले के अली मोहम्मद गांव निवासी एक साधारण सैलून संचालक राकेश कुमार को इनकम टैक्स विभाग की ओर से 37 करोड़ 87 लाख 61 हजार 561 रुपए का नोटिस थमा दिया गया। यह नोटिस उस वक्त मिला जब वह दुकान पर मौजूद नहीं था और डाकिया उसके पड़ोसी दुकानदार को नोटिस थमाकर चला गया। राकेश का कहना है कि उसकी दैनिक कमाई 500 रुपए से भी कम होती है और वह मुश्किल से अपने परिवार का गुजारा कर पा रहा है।

राकेश ने बताया कि उसका सैलून डेरा सच्चा सौदा के पास है और वह पिछले 10 वर्षों से यही काम कर रहा है। उसकी शैक्षणिक योग्यता महज 5वीं कक्षा तक है, इसलिए जब नोटिस को पढ़ने में असमर्थ रहा तो अपने एक जानकार से मदद ली, जिसने उसे बताया कि यह भारी-भरकम टैक्स नोटिस उसी के नाम है।

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राकेश को शक है कि 2020-21 में एक एप्लिकेशन से लिए गए 10 हजार के लोन के दौरान उसके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल हुआ है। उसने वह कर्ज चुका भी दिया है और नो ड्यूज सर्टिफिकेट भी उसके पास है। उसे आशंका है कि इन्हीं दस्तावेजों से फर्जी कंपनी बनाकर उसके नाम पर टैक्स लादा गया है।

नोटिस की जानकारी मिलने के बाद राकेश डीसी ऑफिस शिकायत लेकर पहुंचा, लेकिन वहां से उसे चौपटा थाने भेज दिया गया। पुलिस थाने में भी उसे आश्वासन भर मिला कि “देख लेंगे”। राकेश का कहना है कि पूरा परिवार इस स्थिति को लेकर मानसिक तनाव में है।

राकेश का मकान भी पंचायती जमीन पर बना दो कमरों का जर्जर घर है, जिसकी हालत खराब है। उसके पास कोई संपत्ति नहीं है। उसकी पत्नी, माता-पिता और दो बच्चे हैं, और पूरा परिवार उसकी कमाई पर ही निर्भर है।

गांव की पूर्व सरपंच मंजू देवी ने भी राकेश की स्थिति पर सवाल उठाए और कहा कि विभाग को इस बड़ी गलती को तुरंत सुधारना चाहिए। वहीं, थाना प्रभारी का कहना है कि यह मामला संबंधित विभाग का है और वहीं से इसका समाधान निकल सकता है।

सिरसा का अली मोहम्मद गांव ऐतिहासिक और प्रसिद्ध है, लेकिन यहां रोजगार और शिक्षा के साधनों की भारी कमी है। गांव की आबादी 4500 से अधिक है और यहां गोशालाएं और मंदिर तो हैं, लेकिन शिक्षा और जागरूकता में यह क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है।