रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के बंधन को ओर भी ज्यादा अटूट बनाता है। इस दिन भाई अपनी बहनों को हर मुश्किल घड़ी से बचाने का वचन देते हैं और बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लम्बी उम्र के लिए कामना करती हैं। भाई-बहन के विश्वास को बनाए रखने वाला रक्षाबंधन का त्योहार इस साल 30 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा।
भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठर से कहा था कि रक्षाबंधन का त्योहार अपनी सेना के साथ मनाओ, इससे पांडवों और उनकी सेना की रक्षा होगी। राखी में बहुत शक्ति होती है। आपको बता दें कि खासकर रक्षाबंधन पर ही बहनें अपने भाईयों को राखी बांधती हैं। वहीं कई परिवार की लड़कियां सिर्फ अपने भाई को ही नहीं बल्कि पिता, चाचा, ब्राह्मण, गुरु और वृक्षों को भी राखी बांधती हैं। बता दें कि रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
पूर्णिमा का शुभ योग यानि रक्षाबंधन का शुभ योग
इस दिन सभी बहनें अपने भाईयों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। सावन के महीने में रक्षाबंधन का त्योहार बुधवार के दिन 30 अगस्त की पूर्णिमा को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 49 मिनट से अगले दिन 31 अगस्त 2023 को सुबह 7 बजकर 6 मिनट तक मनाया जाएगा।
रक्षाबंधन के दिन यह रहेगा पूजा विधि का विधान
रक्षाबंधन के लिए किसी भी विशेष पूजा की जरूरत नहीं होती है। इसमें बहन और भाई के भाव सबसे ज्यादा महत्व रखते हैं। भाई को राखी बांधने से पहले बहनें थाली में चंदन का तिलक, घी का दीपक, नारियल, राखी और मिठाई रखें।
राखी और पूजा की थाल सबसे पहले भगवान और पितरों को चढ़ाएं । इसके बाद भाई को तिलक लगाएं और फिर उसे मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराएं। इसके बाद दाहिनी कलाई में राखी बांधते हुए, मंत्र बोलें फिर आरती उतारें। एक-दूसरे की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना करें।