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हिसार नगर निगम में 25 कर्मचारियों को नोटिस, नहीं लगायी बायोमेट्रिक हाजिरी, 485 कर्मचारियों ने तोड़े नियम

हरियाणा हिसार

➤हिसार नगर निगम के 25 कर्मचारियों को बायोमेट्रिक हाजिरी न लगाने पर कारण बताओ नोटिस जारी।

➤सभी कर्मचारियों को बायोमेट्रिक उपस्थिति के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे, पर अधिकांश ने इसका पालन नहीं किया।

➤सूचना के अधिकार के तहत खुलासा हुआ कि लगभग 485 कर्मचारी बायोमेट्रिक हाजिरी से बच रहे हैं।

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हिसार नगर निगम में अनुशासनहीनता के मामले ने तूल पकड़ लिया है। निगम प्रशासन द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए जाने के बावजूद बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली की अनदेखी करने वाले 25 अधिकारियों और कर्मचारियों पर अब सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है। अतिरिक्त निगम आयुक्त डॉ. प्रदीप हुड्डा ने इन सभी को कारण बताओ नोटिस जारी कर लिखित जवाब तलब किया है।

दरअसल, बीते महीने नगर निगम प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया था कि सभी कर्मचारियों को प्रतिदिन बायोमेट्रिक सिस्टम से ही अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इसके बावजूद संबंधित कर्मचारियों ने या तो एक-दो दिन ही इस प्रणाली का प्रयोग किया या फिर बाकी दिनों में बिना बायोमेट्रिक हाजिरी के ही खुद को उपस्थित दिखा दिया। इसे नियमों की सीधी अवहेलना और अनुशासनहीनता मानते हुए निगम ने एक्शन लिया है।

जिन कर्मचारियों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें सहायक अभियंता, जूनियर इंजीनियर, लिपिक, माली, सुपरवाइजर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, इलेक्ट्रिशियन, और अन्य स्टाफ शामिल हैं। नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि यदि तय समय सीमा में संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

इस मामले की गहराई तब सामने आई जब अग्रसेन कॉलोनी निवासी रविंद्र बिश्नोई ने सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत नगर निगम में बायोमेट्रिक उपस्थिति के पालन से संबंधित जानकारी मांगी। जवाब में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि निगम के लगभग 485 अधिकारी व कर्मचारी – जिनमें पीए, स्टेनो, अनुभाग अधिकारी, एक्सइएन, जेई, कानूनी सहायक, ड्राफ्टमैन, माली, अकाउंटेंट, बेलदार, चपड़ासी और अन्य स्टाफ शामिल हैं – नियमित रूप से बायोमेट्रिक हाजिरी से बचते आ रहे हैं।

यह जानकारी सामने आते ही निगम प्रशासन हरकत में आ गया और अब बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली पर निगरानी को सख्त किया जा रहा है। कार्यालयों में निगरानी टीमें तैनात कर दी गई हैं और कर्मचारियों की उपस्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। निगम का कहना है कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी।

यह कदम न केवल शासन की पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने की दिशा में है, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश भी देता है कि सरकारी संस्थानों में अनुशासनहीनता के लिए कोई स्थान नहीं है।