नेशनल हाईवे पर करीब 4 माह पहले हुए एक्सीडेंट के बाद अब जाकर पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई है। बताया जा रहा है कि युवती अपने दोस्तों के साथ गाड़ी में सवार थी।
वह जीरकपुर कंपनी से इंटर्नशिप करके अंबाला के लिए जा रहे थे, जबकि हादसा करनाल से चंडीगढ़ की तरफ जाते हुए नेशनल हाईवे पर काली पलटन पुल (कैंट) के पास गाड़ी डिवाइडर पर टकराने से हुआ।
वहीं पिता द्वारा जांच किए जाने पर कंपनी से जानकारी मिली कि उनकी बेटी की इर्न्टनशिप 2 दिन पहले ही खत्म हो चुकी थी। ऐसे में आरोपियों से जानकारी लेने का पिता द्वारा भरसक प्रयास किया गया, लेकिन उनके द्वारा रास्ता देने की बजाय गुमराह किया गया। वहीं पुलिस द्वारा भी अधिकारियों को शिकायत देने के बाद कार्रवाई की।
जानकारी अनुसार 29 मार्च की अलसुबह अंबाला कैंट में दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर काली पलटन पुल के पास गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई थी। जिसमें यमुनानगर के रामनगर कॉलोनी निवासी आरुषि शर्मा को गंभीर चोटें आई थी। गाड़ी में सवार महेश नगर (अंबाला कैंट) निवासी मोहम्मद तनवीर और यमुनानगर निवासी कर्मजीत सिंह बाल-बाल बच गए थे।
एसपी को दी शिकायत के बाद भी समझौते का दबाव
आरुषि को कैंट के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां कॉमा में चल रही आरुषि की एक माह बाद 29 अप्रैल को उपचार के दौरान मौत हो गई थी। मामले की सूचना पिता संजीव कुमार द्वारा पुलिस को दी गई, लेकिन पुलिस द्वारा बात को ये कहकर टालमटोल कर दिया गया था कि युवती बिना ब्यान दिए ही मर गई है, अब एफ.आई.आर नहीं हो सकती।
जिस पर पिता ने एस.पी को शिकायत दी कि दोनों आरोपियों ने उसकी बेटी की हत्या की है। एस.पी द्वारा लाल कुर्ती चौकी में शिकायत को भेज दिया गया। उधर आरोपियों ने उसकी बेटी के मोबाइल का सारा डाटा भी खत्म कर सबूत मिटा दिए थे।
चौकी में बनाया समझौते का दबाव
वहीं संजीव कुमार ने कहा कि चौकी में एस.पी द्वारा भेजी गई शिकायत के बाद भी पुलिस द्वारा मुझे बुलाकर समझौते का दबाव बनाया गया। जब मामला सीएमओ कार्यालय में पहुंचा, तब जाकर पुलिस द्वारा दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 279 व 304A के तहत केस दर्ज किया है।