➤भिवानी जिले के बवानी खेड़ा नगर पालिका ने कई प्राचीन मंदिरों को नोटिस जारी किया
➤आदेश: 7 दिन में जगह खाली करो, वरना कार्रवाई होगी
➤स्थानीय लोग व धार्मिक संगठन विरोध में लामबंद
भिवानी जिले के बवानी खेड़ा में नगर पालिका और स्थानीय धार्मिक आस्थाओं के बीच गंभीर विवाद खड़ा हो गया है। नगर पालिका ने क्षेत्र के कई मंदिरों को नोटिस जारी करते हुए आदेश दिया है कि सात दिनों के भीतर जगह खाली की जाए, अन्यथा प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
इन नोटिसों ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। यह विवाद उस पुराने मामले से जुड़ा है, जो माननीय न्यायालय श्री जे०डी० चान्दना, ए०डी० जे० भिवानी में नगरपालिका बनाम भीखुराम केस नंबर 35/1994 के रूप में चला था। इस मामले का फैसला 21 फरवरी 1997 को आ चुका था, जिसमें पंडित भीखुराम ने जीत हासिल की थी। मंदिर भीखुराम ने अपनी निजी कमाई से बनवाए थे और इन्हें स्थानीय धार्मिक धरोहर माना जाता है।

नगर पालिका के इस आदेश से धार्मिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों में भारी रोष है। लोगों का कहना है कि यह केवल मंदिरों को गिराने का मामला नहीं है, बल्कि आस्था और सनातन संस्कृति पर सीधा प्रहार है। बवानी खेड़ा के सामाजिक कार्यकर्ता टेकचंद कौशिक ने इसे सनातन धर्म और परंपरा पर हमला बताते हुए कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा हज़ारों साल पुरानी है और हर मुश्किल समय में जीवित रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करेंगे ताकि नगर पालिका का यह आदेश वापस लिया जाए और धार्मिक धरोहरों को सुरक्षित रखा जा सके। वहीं, प्रशासनिक स्तर पर इस मामले को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है, लेकिन लोगों की नाराज़गी लगातार बढ़ रही है।
इस पूरे प्रकरण ने इलाके में तनाव का माहौल बना दिया है और आने वाले दिनों में इसका असर और गहराता दिख सकता है।