पश्चिमी विक्षोभ ने अब पहाड़ों के साथ मैदानी इलाकों में भी अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। Haryana के कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत और अंबाला जिलों में पिछले 2 घंटों से हल्की बारिश हो रही है। इसके साथ ही पश्चिमी हरियाणा, दिल्ली, और यमुना बेल्ट पर नए बादल छाने लगे हैं, जिससे शाम तक पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हल्की से भारी बारिश होने की संभावना है।
सबसे ठंडा हिसार, तापमान में रिकॉर्ड गिरावट
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। 24 घंटे में हरियाणा के 12 जिलों में रात का तापमान 8 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। हिसार सबसे ठंडा रहा, जहां पारा 4.5 डिग्री दर्ज किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार, 10 से 13 दिसंबर तक मौसम शुष्क रहने के आसार हैं, लेकिन सुबह के समय कोहरा छाने की संभावना है।
हिसार का इतिहास भी तापमान गिरावट का गवाह है। 1973 में यहां का पारा -1.5 डिग्री तक पहुंच गया था, जबकि 2013, 2018 और 2020 में भी हिसार में तापमान माइनस में जा चुका है।
प्रदूषण का बढ़ता खतरा
मौसम में बदलाव के साथ हरियाणा के कुछ जिलों में प्रदूषण बढ़ने लगा है। बहादुरगढ़ और रोहतक का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) क्रमशः 294 और 218 दर्ज किया गया है, जो खराब श्रेणी में आता है। मुरथल (196), गुरुग्राम (193), भिवानी (185) और कुरुक्षेत्र (170) सहित कई अन्य जिलों का AQI भी चिंताजनक है।
आने वाले दिनों में क्या करें तैयारी?
कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवाओं की दिशा में बदलाव और बादल छाए रहने के आसार हैं। इसका प्रभाव तापमान में गिरावट के रूप में दिखेगा।
पहाड़ों से आने वाली ठंडी हवाओं के चलते हरियाणा में दिन और रात के तापमान में और गिरावट देखने को मिल सकती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोग ठंड और प्रदूषण दोनों से बचाव के लिए सतर्क रहें।