हरियाणा के Bhiwani में सोमवार को सिविल सर्जन डॉ. रघुवीर शांडिल्य की अध्यक्षता में स्थानीय अस्पताल में एनीमिया मुक्त अभियान को लेकर एक बैठक आयोजित हुई। बैठक में अभियान के बारे में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन ने बताया कि जिले को एनीमिया मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 100 दिन एनीमिया मुक्त अभियान चलाया जायेगा। इसकी शुरुआत 11 जून से की जायेगी। अभियान के तहत बच्चों, किशोरों और महिलाओं आदि में खून के सैंपल लेकर एनीमिया की जांच की जायेगी।
एचबी का सामान्य मान 11 से अधिक माना जाता है जबकि 10 से 10.9 के बीच का मान हल्का एनीमिया, 7 से 9.9 के बीच का मान मध्यम तथा 7 से कम का मान गंभीर एनीमिया की श्रेणी में आता है। सिविल सर्जन ने कहा कि उचित आहार-विहार ना लेने के कारण बच्चों, किशोरों-युवाओं, महिलाओं व अन्य वर्ग के लोगों में खून की कमी हो जाती है इस कारण उन्हे पैरों में दर्द, एकाग्रता की कमी, शारीरिक दुर्बलता, चिड़चिड़ापन, भूख कम लगने समेत खासकर बच्चों में शारीरिक एवं मानसिक विकास भी रुक जाता है। ऐसे में विभाग द्वारा ऐसे मरीजों की पहचान करके उनका बेहतर इलाज कराने का निर्णय लिया है।
100 दिन चलेगा अभियान
इसके तहत विभाग द्वारा एनीमिया मुक्त अभियान शुरू किया है। विभाग ने अब की बार 100 दिन तक यह अभियान चलाने का निर्णय लिया है जोकि मंगलवार से शुरू होगा। इस अभियान के लिए टीमों का गठन किया जा चुका है। चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस अभियान के तहत नागरिक अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी और आंगनवाड़ी केन्द्रों पर शिविर आयोजित किए जायेगें। इसके अतिरिक्त फील्ड स्टाफ गांव स्तर पर स्क्रीनिंग टेस्ट भी करेगा।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. आशीष ने बताया कि सिविल सर्जन द्वारा सभी सीएचसी पीएचसी के चिकित्सा अधिकारियों की बैठक कर जरूरी निर्देश दिए जा चुके हैं। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए टीमों का गठन किया जा चुका है। कार्यक्रम के तहत छह टारगेट ग्रुप जिसमें 6 महीने से 5 वर्ष, 5 से 9 वर्ष, 10 से 19 वर्ष, 20 से 49 वर्ष के आयु के व्यक्तियों, गर्भवती महिला व स्तनपान करने वाली महिला के खून की जांच की जाएगी।
विशेष रूप से स्तनपान कराने वाली व गर्भवती महिलाओं के खून की जांच की जाएगी। आयरन की गोलियां वितरित की जाएंगी और इसी तरह बच्चों के लिए सिरप भी वितरित किया जाएगा। उन्होने सभी आंगनवाड़ी वर्कर व आशा वर्कर से आग्रह किया कि वे सभी महिलाओं और अन्य लोगों को इस अभियान के तहत जागरूक करें ताकि सभी लोग इस अभियान में हिस्सा लें और एनीमिया की जांच जरूर करवाएं।