अखिल भारतीय किसान सभा, Bhiwani जिला कमेटी के सैंकड़ों कार्यकर्ता टोहाना में आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में भाग लेने पहुंचे। इस दौरान किसानों की प्रमुख मांगों के लिए संघर्ष जारी रखने की चेतावनी दी गई।
किसान सभा के जिला प्रधान रामफल देशवाल और जिला सचिव मास्टर जगरोशन के नेतृत्व में तीन बसों और अन्य पांच छोटे वाहनों में सैंकड़ों कार्यकर्ता टोहाना पहुंचे।
किसान नेताओं ने अपनी प्रमुख मांगों को सामने रखा, जिनमें शामिल हैं-
- हाल ही में जारी नया मंडी विपणन कानून वापस लिया जाए।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की संवैधानिक गारंटी दी जाए।
- बिजली बिल 2023 और उसका निजीकरण वापस लिया जाए।
- किसानों और मजदूरों को कर्ज मुक्त किया जाए।
- शिम्भू और खनौरी बार्डर से चल रहे किसान आंदोलन को बातचीत के जरिए हल किया जाए, और लंबे समय से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल का अनशन समाप्त करवाया जाए।
किसान सभा के जिला उपप्रधान कामरेड ओमप्रकाश और जिला कोषाध्यक्ष मास्टर उमराव सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार किसानों की मांगों की पूरी तरह अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बातचीत के जरिए किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं करना चाहती।

इसके अलावा, भिवानी जिले के किसानों को न्यायसंगत मुआवजा देने की बजाय, प्रशासन और सरकार उनके खेतों से जबरदस्ती तेल पाइपलाइन निकालने की कोशिश कर रही है, जिसका विरोध किया जाएगा।
किसान नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि फसल बीमा कंपनी “क्षेमा” ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। उन्होंने कहा कि 2023 की खरीफ फसल का 350 करोड़ रुपये का बीमा क्लेम जानबूझकर दादरी-भिवानी जिले से समाप्त कर दिया गया, जिसमें कृषि विभाग के बड़े अधिकारियों और राजनीतिक लोगों का हाथ था। इस मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने की मांग की गई, ताकि दोषियों का पर्दाफाश हो सके और किसानों को उनका हक मिल सके।