भिवानी जेल में अब गुनाहों से दूर होकर जिला कारागार में बंदी न केवल खेतीबाड़ी के गुर सीख रहे हैं, बल्कि स्वच्छ आबोहवा के लिए भी पर्यावरण की डोर थामे अपना योगदान दे रहे हैं। भिवानी जिला जेल प्रशासन के प्रयासों से बंदियों ने करीब दो हजार वर्गगज में लघु उपवन तैयार किया है। इसमें करीब पांच हजार फल और फूलदार पौधे भी रोपित किए गए हैं। इनका फायदा यहां बंदियों को मिलेगा।
15 अगस्त को बिजली मंत्री रणजीत सिंह और सीआईडी चीफ सेवानिवृत्त अनिल राव ने पौधारोपण कर इस वन का शुभारंभ किया था। जेल सुप्रींटेंडेंट सेवासिंह ने बताया कि महानिदेशक जेल मोहम्मद अकील के निर्देश पर जेल परिसर को हरा भरा बनाया जा रहा है।
जेल परिसर को हरा-भरा बनाने का प्रयास
भिवानी जेल में भी मिनी वन के रूप में छायादार, फलदार और औषधीय पौधों से भरपूर मिनी वन तैयार किया जा रहा है। इसमें जापानी तकनीक के आधार पर काम किया जा रहा है। जिला जेल अधीक्षक सेवा सिंह ने बताया कि महानिदेशक जेल मोहम्मद अकील के निर्देश पर जेल परिसर को हरा भरा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में जेल के अंदर खाली पड़ी करीब दो हजार वर्गगज भूमि पर लघु उपवन तैयार किया है। इस लघु उपवन में पौधरोपण किया गया है। इसकी देखरेख भी यहां बंदियों द्वारा की जाएगी।
पौधों के लिए गाय के गोबर से तैयार की जाती है देशी खाद
उन्होंने बताया कि यहां लगाए गए मिनी वन में लगे पौधों के लिए खाद भी जेल में तैयार की जाती है। इसमें गाय के गोबर और मूत्र से देशी खाद तैयार की जाती है। इस खाद का प्रयोग पौधों के लिए किया जाता है। जेल सुप्रींटेंडेंट ने बताया कि इससे पहले उन्होंने जेल अधीक्षक रहे सुनील सांगवान से प्रेरित होकर रोहतक जेल परिसर में भी इस तरह का वन तैयार किया था। हम सबसे यह आह्वान करते हैं कि अधिक से अधिक पौधे लगाए ताकि ऑक्सीजन भरपूर मात्रा में मिले। कोविड रूपी महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी को हम देख और भुगत चुके हैं।