http://citytehelka.in/bhiwani-me-bajrangiyo-ne-tyagpatr-dene-se-kiya-inkaar/

बजरंगियों का सामूहिक त्यागपत्र देने का फैसला हुआ स्थगित, मांगों को लेकर किया जाएगा समाधान

भिवानी

भिवानी में जलाभिषेक कार्यक्रम के दौरान नजरबंद किए गए कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के विरोध में सामूहिक त्यागपत्र देने का फैसला विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेताओं ने स्थगित कर दिया है। त्यागपत्र देने का निर्णय बुधवार को लिया था।

वीरवार को प्राचीन पूर्वी हनुमान मंदिर में हुई बैठक में बजरंग दल के जिला संयोजक आशीष बजरंगी ने बताया कि 14 से 16 सितंबर तक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक पुणे में चल रही है। हरियाणा प्रांत टोली ने केंद्र में बात की है और विश्व हिंदू परिषद और संघ के केंद्र अधिकारियों के आगे सभी मांगों को रख दिया गया है।

उन्होंने बताया कि प्रांत से सूचना है कि जल्द ही सभी मांगों को लेकर समाधान किया जाएगा। इसलिए सामूहिक रूप से त्याग पत्र देने के निर्णय को अभी के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष प्रदीप बंसल, उपाध्यक्ष ऋषि सिंह, नगर अध्यक्ष दलबीर हलवासिया, बजरंग दल जिला सयोजक आशीष बजरंगी, जिला सह संयोजक मनीष सोनी, राजकुमार गोयल, चीनु लोहानी, स्वराज, अंकित, विवेक मौजूद रहे।

Whatsapp Channel Join

नजरबंद किए गए कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज करने का है विरोध

विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष प्रदीप बंसल ने बताया कि 28 अगस्त 2023 को हिंदू महापंचायत के आह्वान पर पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर जलाभिषेक का कार्यक्रम रखा गया था। 27 अगस्त को ही जिले के कुछ कार्यकर्ताओं को एहतियात के तौर पर नजरबंद करने का हवाला देकर सीआईए वन और सीआईए टू ने कार्यकर्ताओं को घर और बाजारों से उठा लिया। उन्होंने बताया कि सीआईए ने इस बारे में कहा कि आपके जलाभिषेक कार्यक्रम के समय इन कार्यकर्ताओं को मंदिर में छोड़ दिया जाएगा।

शहर में सांप्रदायिक माहौल खराब न हो इसके लिए कार्यकर्ताओं को नजरबंद किया गया है, लेकिन बाद में पता चला कि पुलिस के द्वारा कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। कार्यकर्ताओं को एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया। जिसकी पहली तारीख 11 सितंबर को लगी और अब कार्यकर्ताओं को 29 सितंबर की अगली तारीख पर बुलाया गया है।

त्यागपत्र देने के फैसले को किया गया रद्द

उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को बेवजह परेशान किया जाना गलत है और पुलिस की वादाखिलाफी आपसी भाईचारे को खराब करने का काम कर रही है। हम कार्यकर्ताओं के न्याय के लिए सरकार से मांग करते हैं। इसी मामले में सुनवाई न होने से आहत होकर आज प्रदेश स्तर पर सामूहिक त्याग पत्र देने का फैसला किया गया था। लेकिन प्रांत से सूचना है कि जल्द ही मांगों को मान कर मामले का समाधान किया जाएगा। जिस पर फिलहाल त्याग पत्र देने के फैसले को स्थगित किया गया है।