Haryana सरकार ने कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए एक बड़ी पहल की घोषणा की है। नए साल 2025 में सरकार ने प्रदेशभर में 500 आधुनिक क्रेच सेंटर खोलने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 32.15 करोड़ रुपए के बजट की भी मंजूरी दे दी गई है।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने पहले फेज में 15 जिलों में 165 क्रेच सेंटर शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस योजना को तेजी से अमलीजामा पहनाने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने 2021 में इस योजना की घोषणा की थी, जिसे अब मौजूदा सरकार साकार कर रही है।

मोबाइल क्रेच संगठन से समझौता
हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने स्टेट लेवल क्रेच पॉलिसी लागू की है। इस योजना के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग ने मोबाइल क्रेच संगठन के साथ MOU पर हस्ताक्षर किए हैं, ताकि उच्च गुणवत्ता वाले क्रेच स्थापित किए जा सकें।
8 से 10 घंटे की सुविधा
कामकाजी माता-पिता की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए क्रेच में बच्चों की देखभाल का समय 8 से 10 घंटे तय किया गया है। इसके अलावा, सरकार ने क्रेच वर्कर्स के लिए 15,000 रुपए और असिस्टेंट के लिए 7,500 रुपए मासिक मानदेय निर्धारित किया है।
क्रेच नीति के तहत 3 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए क्रेच और 3 से 6 साल के बच्चों के लिए मिड-डे केयर की सुविधा दी जाएगी। इसमें स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए भी स्कूल के बाद विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
3 साल का बजट भी तय

हरियाणा सरकार ने अगले तीन वर्षों के दौरान कुल 500 क्रेच सेंटर खोलने का लक्ष्य रखा है।
- 2023-24 में 5735.00 लाख रुपए
- 2024-25 में 3215.00 लाख रुपए
- 2025-26 में 3235.00 लाख रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से खुलेंगे क्रेच
यह क्रेच सेंटर केवल शहरों तक सीमित नहीं रहेंगे। सरकार ने गांवों में भी इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने का फैसला किया है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के कामकाजी माता-पिता भी अपने बच्चों की देखभाल को लेकर निश्चिंत हो सकें।