हरियाणा के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर ने अपनी हड़ताल का ऐलान किया है, जो 9 दिसंबर को होने वाली है। इस हड़ताल का कारण सरकार द्वारा प्रमोशन के ऑफर को ठुकराना है। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज (एचसीएमएस) एसोसिएशन ने सरकार के प्रमोशन के प्रस्ताव को माना नहीं और बताया है कि प्रमोशन मेडिकल ऑफिसर का अधिकार है। डॉक्टरों की मांगों पर सरकार ने ठोस आश्वासन नहीं दिया है, जिसके कारण हड़ताल का निर्णय लिया गया है।
सरकार ने एसोसिएशन को बुधवार को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन मुख्य सचिव और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में सरकार ने डॉक्टरों की मुख्य मांगों पर ठोस जवाब नहीं दिया। स्वास्थ्य विभाग ने एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें 100 मेडिकल ऑफिसर को सीनियर पद पर प्रमोशन करने का बताया गया है। हालांकि एसोसिएशन ने इसे ठुकरा दिया है और अपनी मुख्य मांगों को लेकर हड़ताल की घोषणा की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया ने बताया कि वे हड़ताल के लिए तैयारी कर रहे हैं। एसोसिएशन ने चार मुख्य मांगें रखी हैं, जिसमें डॉक्टरों के लिए एक विशेषज्ञ कैडर की मांग शामिल है, साथ ही गतिशील सुनिश्चित कैरियर प्रगति योजना की मांग और एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगाने की मांग शामिल है। इसके अलावा पीजी के लिए बॉन्ड राशि 1 करोड़ से 50 लाख करने की मांग भी है।

डॉक्टरों ने यह तर्क दिया है कि सीधे भर्ती के बजाय एसएमओ की भर्तियों से एमओ को पदोन्नति में रुकावट हो रही है और इसे सुधारने की आवश्यकता है। उन्होंने नियमों में संशोधन की मांग भी की है, ताकि ऐसी एसएमओ भर्तियों की प्रथा को स्थायी रूप से बंद किया जा सके। एसोसिएशन का कहना है कि 95 प्रतिशत से अधिक कैडर अपनी पूरी सेवा के दौरान केवल एक पदोन्नति के साथ सेवानिवृत्त होते हैं, जो एमओ से एसएमओ तक हो सकती है।