● हरियाणा में 5 दिनों तक 15-20 किमी/घंटा की रफ्तार से ठंडी हवाएं चलेंगी।
● रात के तापमान में 5 से 8 डिग्री तक गिरावट, दिन में धूप लेकिन ठंडक बनी रहेगी।
● किसानों को अगले 3-4 दिनों तक सिंचाई न करने की सलाह, गेहूं की फसल पर प्रभाव।
Haryana Weather Update: हरियाणा में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। तेज़ उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण ठंड का असर बढ़ गया है, जिससे रात का तापमान तेजी से गिर रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले 5 दिनों तक 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। दिन में धूप खिली रहेगी, लेकिन हवाओं के कारण सर्दी का अहसास बना रहेगा। खासतौर पर रात के तापमान में 5 से 8 डिग्री तक गिरावट दर्ज की जा सकती है।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि 9 मार्च तक प्रदेश का मौसम शुष्क और परिवर्तनशील रहने की संभावना है। 5 और 6 मार्च को विशेष रूप से तेज़ हवाएं चलने की उम्मीद है, जिससे रात का तापमान और अधिक गिर सकता है।
पश्चिमी विक्षोभ से फिर बदलेगा मौसम
मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि 9 और 12 मार्च को दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होंगे, जिससे हरियाणा और उत्तरी भारत के मौसम में फिर बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि, यह विक्षोभ कमजोर रहेगा, जिससे सिर्फ हल्का असर देखने को मिलेगा। वहीं, पहाड़ी इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना जताई गई है। इसके बाद मार्च के दूसरे सप्ताह से ठंड का असर कम होने लगेगा और होली के बाद गर्मी महसूस होने लगेगी।
किसानों के लिए चेतावनी: अभी सिंचाई न करें
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को अगले 3-4 दिनों तक सिंचाई न करने की सलाह दी है। तेज़ हवाओं के कारण खड़ी और पकी हुई फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। गेहूं की फसल कई जगह हवा के कारण बिछ गई है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ सकता है। किसानों को कृषि विज्ञान केंद्रों से सलाह लेकर ही कोई कदम उठाने की सलाह दी गई है।
इस साल की आखिरी शीतलहर शुरू
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि यह इस साल की आखिरी शीतलहर हो सकती है। खासकर हरियाणा के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में रात का तापमान सिंगल डिजिट में पहुंच सकता है। दिन में भी तापमान में गिरावट जारी रहेगी, जिससे ठंड का अहसास बना रहेगा।
प्रदेश में तेज़ हवाओं और गिरते तापमान के कारण फसलों के साथ-साथ आम जनजीवन भी प्रभावित हो सकता है। किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि वे फसलों को किसी भी नुकसान से बचा सकें।