Congress के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा जारी किए गए CET (कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) के नोटिफिकेशन को लेकर कड़ा हमला बोला है। सुरजेवाला ने इस परीक्षा को मुख्यमंत्री का “नायब-जाल” करार देते हुए कहा कि यह पांच वर्षों से हरियाणा के 50 लाख से अधिक बेरोजगार शिक्षित युवाओं के लिए “जी का जंजाल” बन चुका है।
सुरजेवाला ने दावा किया कि सीईटी के लगातार बदलते नोटिफिकेशन और मापदंडों ने युवाओं के लिए न सिर्फ उम्मीदें तोड़ीं, बल्कि पूरी प्रक्रिया में भ्रम और उलझन पैदा की है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया को हरियाणा हाईकोर्ट से खारिज किए जाने के बाद भी सरकार ने इसे नकारात्मक तरीके से लागू किया है।
सुरजेवाला के आरोप और सवाल:
- सीईटी के परिणाम पर सवाल
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि 31 दिसंबर, 2024 के नोटिफिकेशन में युवाओं को अवसर देने के बजाय, सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया कि सीईटी क्वालिफाईड कैंडिडेट्स को ग्रुप C और ग्रुप D की नौकरियों में किस आधार पर अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा, “यदि एक युवा ने कड़ी मेहनत की और सालों के इंतजार के बाद सीईटी पास किया, तो उसे नौकरी के चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेने से क्यों रोका जा रहा है?” - सीईटी उम्मीदवारों के लिए बढ़ी चुनौतियाँ
सुरजेवाला ने कहा कि नए नोटिफिकेशन में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि सीईटी क्वालिफाईड उम्मीदवारों को कितने पदों के लिए अवसर मिलेगा। “क्या यह पोस्ट के 10 गुना या कैटेगरी के 10 गुना होगा?” उन्होंने सरकार से इस सवाल का जवाब मांगा। - डुप्लीकेट और घालमेल से भरी प्रक्रिया
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि यदि किसी ने 20 अलग-अलग पोस्टों के लिए आवेदन किया, तो उसे 20 बार गिना जाएगा, जबकि एक कैंडिडेट को केवल एक बार गिना जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “इससे चयन प्रक्रिया और भी उलझ जाएगी और वास्तविक उम्मीदवारों की संख्या कम हो जाएगी।” - सीईटी परीक्षा के आयोजन पर संशय
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने सीईटी परीक्षा के आयोजन पर कोई स्पष्टता नहीं दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और एचएसएससी चेयरमैन ने पहले कहा था कि यह परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी, लेकिन अब तक केवल एक बार परीक्षा आयोजित की गई है। “क्या युवाओं को अगले तीन सालों तक इंतजार करना होगा?” उन्होंने सवाल किया। - परीक्षा शुल्क में अनियमितताएँ
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सीईटी की फीस को लेकर भी सरकार ने दो मापदंड बना दिए हैं, जो युवाओं से ‘पैसा वसूली का धंधा’ करने जैसा है। “क्या आधार कार्ड के बिना आवेदन करने वाले युवाओं से ₹1000 लेना सही है?” उन्होंने इस फैसले को गलत बताया। - टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल पदों का घालमेल
सुरजेवाला ने कहा कि तकनीकी और नॉन-टेक्निकल पदों को एक साथ मिलाना गलत है। “इन दोनों श्रेणियों के लिए अलग-अलग मापदंड और सिलेबस होते हैं। फिर क्यों इन्हें एक ही प्रक्रिया में डाल दिया गया है?”
मुख्यमंत्री को चुनौती
सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को चुनौती दी कि वह इन सवालों का जवाब दें और हरियाणा के युवाओं को साफ और पारदर्शी तरीके से जवाब दें। उन्होंने कहा कि “हरियाणा के 50 लाख से अधिक युवा CET के जंजाल में उलझकर पिछले पांच साल से नौकरी की तलाश में परेशान हैं। युवाओं को मौका देना सरकार का कर्तव्य है, न कि उन्हें बेवकूफ बनाना।”
युवा हित में कांग्रेस का समर्थन
सुरजेवाला ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से युवाओं के अधिकारों के लिए लड़ती रही है और इस बार भी वह हरियाणा के युवाओं के हक में खड़ी रहेगी। “सरकार को हर सवाल का जवाब देना चाहिए और युवा बेरोजगारों के लिए एक स्पष्ट और निष्पक्ष प्रक्रिया अपनानी चाहिए।”