Haryana के लिए नई राजधानी और अलग हाईकोर्ट बनाने की मांग को लेकर स्वाभिमान आंदोलन तेज हो गया है। रविवार को हांसी की जाट धर्मशाला में इस मुद्दे पर एक अहम बैठक आयोजित हुई। बैठक में स्वाभिमान आंदोलन के संयोजक रणदीप लोहचब के साथ 12 पूर्व विधायक शामिल हुए।
23 फरवरी को महम में होगी ऐतिहासिक रैली
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 23 फरवरी को महम चौबीसी चबूतरा मैदान में प्रदेश स्तरीय रैली का आयोजन किया जाएगा। संयोजक रणदीप लोहचब ने इसे हरियाणा के इतिहास में नई शुरुआत बताया। उन्होंने कहा, “यह रैली हरियाणा के लोगों के स्वाभिमान और अधिकारों के लिए मील का पत्थर साबित होगी।”
58 साल की उपेक्षा पर प्रकट की नाराजगी
बैठक में वक्ताओं ने 58 साल से हरियाणा को नई राजधानी और अलग हाईकोर्ट से वंचित रखने पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल जनता को कठिनाई हुई है, बल्कि प्रदेश की उन्नति, रोजगार और विकास में भी रुकावटें पैदा हुई हैं।
नई राजधानी और हाईकोर्ट हरियाणा के केंद्र में हो
वक्ताओं ने यह स्पष्ट किया कि हरियाणा की नई राजधानी और अलग हाईकोर्ट प्रदेश के केंद्र में बनना चाहिए, ताकि इसका लाभ हर क्षेत्र को समान रूप से मिले। आंदोलन के नेताओं ने इसे सही समय पर उठाया गया कदम बताते हुए जनता से रैली में बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की।
स्वाभिमान आंदोलन की इस बैठक में नई राजधानी और अलग हाईकोर्ट की मांग को लेकर प्रदेशभर में जनजागृति फैलाने की योजना बनाई गई। 23 फरवरी को महम में होने वाली रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। आंदोलन के आयोजकों का कहना है कि यह हरियाणा के अधिकारों और स्वाभिमान की आवाज को मजबूत करने का प्रयास है।
आंदोलन की मुख्य मांगें
- नई विधानसभा हरियाणा के बीच में बने:
चंडीगढ़ में नई विधानसभा बनाने के बजाय इसे प्रदेश के केंद्र में हिसार, महम, जींद, भिवानी के आसपास विकसित किया जाए। - नई राजधानी और अलग हाईकोर्ट का निर्माण:
हरियाणा में एक आधुनिक, वर्ल्ड-क्लास शहर के रूप में नई राजधानी और अलग हाईकोर्ट की स्थापना हो।
गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित आंदोलन
रणदीप लोहचब ने अपने बयान में कहा कि आंदोलन पूरी तरह गांधीवादी होगा। उन्होंने जनता और सरकार के नाम जारी पत्र में निम्नलिखित संकल्पों को दोहराया:
- नहीं लगेंगे मुर्दाबाद के नारे: किसी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग नहीं होगा।
- नहीं जलेंगे पुतले: विरोध में प्रतीकात्मक हिंसा का सहारा नहीं लिया जाएगा।
- नहीं होगा यातायात अवरोध: कोई रास्ता, सड़क, या रेल मार्ग बाधित नहीं किया जाएगा।
सत्याग्रह के बल पर न्याय की मांग
आंदोलन के आयोजकों ने कहा कि यह आंदोलन जनमत, न्याय और सत्य के आधार पर सरकार से संवाद करेगा। इसमें सत्याग्रह के जरिए सरकार को हरियाणा की जनता की मांग सुनने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
हर घर से समर्थन की अपील
रणदीप लोहचब ने हरियाणा के नागरिकों से न्याय के इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की। उन्होंने हर घर से कम से कम एक नागरिक को आंदोलन में शामिल होने और अपनी क्षमता के अनुसार जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया।
स्वाभिमान आंदोलन को गति देने के लिए हांसी की जाट धर्मशाला में आयोजित बैठक में सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के नेताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। बैठक में आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई और सभी ने अपनी राय साझा की।
प्रमुख उपस्थित नेता और विचार

बैठक में कई प्रतिष्ठित नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लेकर आंदोलन को समर्थन दिया।
- पूर्व मंत्री: अतर सिंह सैनी
- पूर्व विधायक: रामवीर सिंह पटौदी, रणबीर सिंह मंदोला, धर्मपाल सिंह सांगवान
- महम चौबीसी के प्रधान: सुभाष गोयत
सभी ने नई राजधानी और हाईकोर्ट हरियाणा के केंद्र में बनाए जाने की मांग को लेकर अपने विचार रखे।
आंदोलन को मिला व्यापक समर्थन
बैठक में आंदोलन को विभिन्न सामाजिक संगठनों और किसान नेताओं का समर्थन भी मिला।
- पूर्व मंत्री जगन्नाथ के पुत्र: जितेंद्रनाथ
- पूर्व विधायक मनफूल सिंह फरीदपुर के पुत्र: उदयवीर सिंह
- पूर्व सांसद के पुत्र: कमल सिंह (जगबीर के पुत्र)
- एडवोकेट: रणधीर रेदू (जींद)
- किसान नेता: दलजीत पंघाल
- खाप प्रतिनिधि: सरबजीत पुनिया (सतरोल खाप)
- अन्य नेता: कामरेड गुरदत्त सिंह, सुखबीर मीरान, कुलदीप मटौर, कुलदीप बेरवाल (छात्र नेता), और महेंद्र रोड (पुंडरी)
आंदोलन में सहयोग का आश्वासन
सभी नेताओं और संगठनों ने आंदोलन में हर संभव सहयोग देने का वादा किया। उन्होंने नई राजधानी और हाईकोर्ट के लिए स्वाभिमान आंदोलन को हर स्तर पर समर्थन देने की घोषणा की।