Haryana में SC वर्गीकरण पर विवाद, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

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Haryana सरकार द्वारा अनुसूचित जाति (SC) श्रेणियों में आरक्षण के लिए किए गए वर्गीकरण पर विवाद गहराता जा रहा है। इस फैसले को चुनौती देते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार से जवाब मांगा है। मामला अब हाईकोर्ट की निगरानी में आ गया है, जहां इस वर्गीकरण पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं।

चमार महासभा ने दी चुनौती

यह याचिका हरियाणा प्रदेश चमार महासभा ने दायर की है, जिसमें 13 नवंबर 2024 को जारी अधिसूचना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मामले में हरियाणा राज्य अनुसूचित जाति आयोग को भी प्रतिवादी बनाया है और अगली सुनवाई 17 फरवरी को तय की है।

सरकार के फैसले पर सवाल

सरकार ने SC श्रेणी को दो भागों में बांटा था। वंचित अनुसूचित जाति (66 जातियां) और अन्य अनुसूचित जाति (15 जातियां)। लेकिन याचिकाकर्ता का तर्क है कि यह वर्गीकरण बिना पर्याप्त आंकड़ों के किया गया है। रिपोर्ट, जो 16 अगस्त 2024 को हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग द्वारा तैयार की गई थी, केवल पुराने और संदिग्ध आंकड़ों पर आधारित बताई जा रही है।

याचिकाकर्ता का तर्क

रिपोर्ट में किसी भी प्रकार का मात्रात्मक डेटा नहीं दिया गया। वर्गीकरण का आधार अस्पष्ट है। यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन करता है। रिपोर्ट केवल 2011 की जनगणना और परिवार पहचान पत्र जैसे पुराने आंकड़ों पर आधारित है।

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