air quality index in Sonipat

Sonipat : air quality index बढ़ने पर जिला प्रशासन की उड़ी नींद, दावा 99 प्रतिशत से ज्यादा किसानों ने जिम्मेवारी से किया पराली का निष्पादन

बड़ी ख़बर सोनीपत हरियाणा

हरियाणा के सोनीपत में एयर क्वालिटी इंडेक्स के बढ़ने की स्थिति को लेकर जिला प्रशासन की नींद उड़ी हुई है। सोनीपत में एयर क्वालिटी इंडेक्स से 202 पर  पहुंचकर खराब स्थिति में देखा जा रहा है। ऐसे में किसानों पर कार्रवाई करने के साथ-साथ इंडस्ट्री एरिया में भी फैक्टरी को सील करने की सिफारिश की जा चुकी है। दो फैक्टरी दोबारा अपशिष्ट पदार्थ में आग लगाकर प्रदूषित करने का मामला सामने आया था। फाइल बनाकर शीर्ष अधिकारियों को भेजकर बंद करवाने की सिपारिश की गई है।

उपायुक्त मनोज कुमार ने बढ़ते हुए प्रदूषण को लेकर पत्रकारों करते हुए दावा किया कि 99 प्रतिशत से ज्यादा किसानों ने जिम्मेवार तरीके से अपनी पराली का निष्पादन किया है। बताया कि प्रदूषण के लिए किसान फसल अवशेष में आग लगाने और इंडस्ट्रियल एरिया मैं प्रदूषण के कारण आबो हवा खराब हो रही है। सोनीपत में लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स में बढ़ोतरी हो रही है। सोनीपत में मौजूदा समय में वायु की गुणवत्ता खराब स्थिति में है। एयर क्वालिटी इंडेक्स से 203 पर जा पहुंचा है और यह काफी खराब माना जाता है।

पराली जलाने के मामलों में हुआ काफी नियंत्रण

उपायुक्त ने बताया कि प्रदूषण पराली, वाहनों के धुएं और इंडस्ट्री एरिया में होने वाले धुएं से प्रदूषण हो रहा है। पराली जलाने के मामलों में काफी नियंत्रण इस बार हुआ है और इस बार किसान फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सुपर सीटर की माध्यम से और वही बेल के माध्यम से पराली का प्रबंध कर रहा है।

उपायुक्त ने दावा करते हुए कहा है कि 99 प्रतिशत से ज्यादा किसान जिम्मेवार तरीके से अपनी पराली का निष्पादन किया है। वहीं उन्होंने कहा है कि जिले में 50 मामले ऐसे आए हैं, जिन्होंने फसल के अवशेष में आग लगाई है और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई भी की गई है। आगजनी के खिलाफ प्रशासन पूरी तरह से सख्त है।

एयर 11

निर्धारित मानकों के आधार पर ही चला पाएंगे बॉयलर

वहीं दूसरी तरफ औद्योगिक क्षेत्र में अपशिष्ट पदार्थ में लगाए जाने वाली आज के प्रदूषण को लेकर भी प्रशासन सख्त है। निर्धारित मानकों के आधार पर ही बॉयलर चला पाएंगे। वहीं उन्होंने कहा है कि ग्रेप के नियमों की पालना न करने वाले औद्योगिक के क्षेत्र में कोयल का प्रयोग होता है। तो उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री को बंद करने के आदेश जारी किए जाएंगे। वहीं उन्होंने कहा है कि दो औद्योगिक फैक्ट्री में जहां पर आज पाई गई थी उनकी फाइल बनाकर बंद करने के लिए उच्च स्तर पर भेज दी गई है। पराली जलाने से भी औद्योगिक क्षेत्र पर भी कार्रवाई करने के लिए प्रावधान रहेगा।

प्रदूषण मिला तो फैक्ट्रियों को बंद करने के रहेंगे आदेश

उपायुक्त मनोज कुमार ने कहा कि किसानों के खिलाफ जुर्माने के प्रावधान के साथ-साथ एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है। वहीं फैक्ट्री में अगर इस प्रकार से प्रदूषण पाया गया तो उनको बंद करने के सीधे आदेश रहेंगे। 10 साल पुराने वाहन जिनको संचालित करने के दौरान सीधे तौर पर धुंआ निकलता हुआ दिखाई देता है। उन पर भी कार्रवाई की जा रही है। उपायुक्त ने अपील करते हुए यह भी कहा कि छोटे बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के रोगियों को जहरीले धुएं से होने वाली परेशानी की दशा को सोचकर प्रत्येक व्यक्ति अपना सहयोग देने का काम करें। 2 से 3 महीना का ऐसा समय होता है, जब सुबह-शाम धुंध और फाग देखने को मिलती है।

अपशिष्ट पदार्थ में आग लगाने वाले सरकारी कर्मी भी होंगे चार्जशीट

उन्होंने यह भी कहा कि इंडस्ट्री एरिया में अपशिष्ट पदार्थ में आग लगाने में कोई सरकारी कर्मचारी मिलता है तो उसे चार्ज शीट किया जाएगा। अगर प्राइवेट  व्यक्ति होगा, उसके खिलाफ भी नियम अनुसार कार्रवाई होगी। वही कोई ऐसी संस्था या ठेकेदार मिलता है तो उसे भी ब्लैक लिस्ट करने के लिए विभाग को लिखा जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।

उपायुक्त ने कहा कि मौजूदा समय में ग्रेप 2 की स्थिति चल रही है। उन्होंने दावा किया कि जितने भी निर्माण कार्य है वहां पर पानी का छिड़काव चल रहा है। अगर स्थिति फेस 3 में जाती है या आगे बढ़ती है तो वह सबके लिए दिक्कत भरा होगा और खास तौर पर निर्माण कार्य भी रोकना मजबूरी होगा।