भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शासनकाल में मानेसर, नखड़ौला और नौरंगपुर गांवों के किसानों की जमीनों के अधिग्रहण के मामले में एक ईडी नोटिस के तहत दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछताछ की जा रही है। बिल्डरों ने किसानों को कम दाम में जमीन जाने का डर दिखाकर उनकी 400 एकड़ जमीन 100 करोड़ रुपये में खरीद ली, जबकि इसकी वास्तविक मूल्य 1600 करोड़ रुपये था।
बता दें कि हुड्डा को ईडी ने पहले भी दो हफ्ते पहले पूछताछ के लिए बुलाया था और उसे मानेसर लैंड डील के मामले में फिर से जांचा जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुग्राम के 1500 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले के मामले में भी हुड्डा से सवालों के लिए बुलाया था। सीबीआई ने भी इस मामले की जांच करते हुए हुड्डा से छह घंटे तक पूछताछ की थी। इसमें मानेसर थाना पुलिस ने मानेसर के पूर्व सरपंच ओम प्रकाश यादव की शिकायत पर धोखाधड़ी के मामले में मामला दर्ज किया गया था। सरकार ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई की सिफारिश की थी। सीबीआई के एक अधिकारी के अनुसार सितंबर महीने में तीन गांवों के 200 से अधिक किसानों ने उनके खिलाफ उम्मीदवारों के साथ मिलकर धरना-प्रदर्शन किया था और इसमें उनके खिलाफ ठगी के आरोप भी शामिल थे। सीबीआई ने इस मामले की जांच के लिए तीन गांवों के 200 से अधिक किसानों के बयान दर्ज किए थे और उनके साथ हुई ठगी के सबूतों को सामने रखा था।
मामले में रोषिका नामक कोड था कोरा
मानेसर लैंड डील मामले में ईडी और सीबीआई की जांच का सिलसिला चल रहा है और इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सम्बंध में गहरी जांच हो रही है। मामले में उनके खिलाफ उठ रहे सवालों को लेकर उन्होंने अपने पक्ष से जवाब देने का दावा किया है। जिससे मामले में रोषिका नामक कोड कोरा था। भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बयान दर्ज हो रहा है और उनकी न्यायिक प्रक्रिया की प्रक्रिया चल रही है। हुड्डा ने इस मामले में अपनी निर्विवाद पत्नी और बेटी को भी न्यायिक सुनवाई के लिए दिल्ली आने के लिए बुलाया है।
न्यायिक प्रक्रिया में सभी पक्षों को जाएगा सुना
ईडी और सीबीआई दोनों ही मामले की गहराईयों की जांच कर रहे हैं और इसमें अगले कई हफ्तों तक आगे की प्रक्रिया जारी रहेगी। हुड्डा के खिलाफ उठ रहे तमाम सवालों का समाधान निर्विवादपूर्ण रूप से होगा और न्यायिक प्रक्रिया में सभी पक्षों को सुना जाएगा।