PN 5 6 1

ईएसआईसी के नए डॉक्टर बनेंगे गांवों की उम्मीद: 6.5 लाख गांवों में पहुंचाने होंगे स्वास्थ्य सेवाओं के दीप, डॉ. मंडाविया ने दी प्रेरणा

हरियाणा फरीदाबाद

ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, फरीदाबाद के दूसरे दीक्षांत समारोह ने न सिर्फ छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों को मंच दिया, बल्कि देश की ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की तस्वीर को भी एक नई दिशा दी।

इस बार समारोह में कुल 449 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं — जिनमें से 400 छात्र 2016 से 2019 तक के एमबीबीएस बैचों से और 49 छात्र 2021 के पहले स्नातकोत्तर बैच से थे। लेकिन समारोह का सबसे सशक्त संदेश आया केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की ओर से।

गांवों को चाहिए आपका ज्ञान, आपका समर्पण” – डॉ. मंडाविया

Whatsapp Channel Join

मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए डॉ. मंडाविया ने छात्रों से स्पष्ट कहा कि भारत में 6.5 लाख से अधिक गांव हैं — और हर गांव में एक योग्य, समर्पित डॉक्टर की ज़रूरत है। आज यहां से डिग्री लेकर निकलने वाले छात्र केवल डॉक्टर नहीं हैं, बल्कि ग्रामीण भारत की सेहत के भविष्य निर्माता हैं।

उन्होंने स्नातकों से ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ काम करने और दूरदराज़ क्षेत्रों में जाकर चिकित्सा सेवा देने की अपील की। उनका कहना था कि असली चिकित्सा सेवा वहीं होती है, जहां आधुनिक सुविधा नहीं, बल्कि इंसानियत और सेवा की भावना ज़रूरी होती है।

डिग्री से परे सेवा का संकल्प

एमबीबीएस छात्रों ने अपनी शैक्षणिक यात्रा में शानदार प्रदर्शन किया।

  • प्रथम प्रोफेशनल परीक्षा में 3 छात्रों ने टॉप किया
  • द्वितीय में 7, तृतीय में 6 और अंतिम परीक्षा में 7 छात्रों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया
  • विशेष बात यह रही कि इनमें 7 छात्र ESIC के आईपी (इंसर्ड पर्सन) वार्ड से थे, जो संस्थान की समावेशी और जनकल्याण केंद्रित नीति को दर्शाता है।

ग्रामीण भारत को समर्पित चिकित्सकों की नई पीढ़ी

स्नातकोत्तर छात्रों ने भी 13 विशेषज्ञताओं में टॉप रैंक हासिल कर संस्थान की गुणवत्ता को सिद्ध किया। लेकिन इस उपलब्धि के साथ अब उनके कंधों पर सेवा का दायित्व और भी बढ़ गया है — विशेषकर ग्रामीण भारत के उन क्षेत्रों में, जहां अब भी एक डॉक्टर मीलों दूर की बात होता है।

ईएसआईसी के महानिदेशक अशोक कुमार सिंह ने भी कहा कि संस्थान का मकसद केवल डॉक्टर बनाना नहीं, बल्कि संवेदनशील और सेवा-भाव से युक्त चिकित्सक तैयार करना है जो हर भारतीय, विशेषकर ग्रामीण नागरिक की सेहत को प्राथमिकता दें।

अन्य खबरें