फरीदाबाद के मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी टीम ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। किर्गिस्तान से आए 6 वर्षीय एल्दर एर्लानोविच बोलोत्चुनोव की जटिल हार्ट सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। जन्म से ही बच्चे के हार्ट वाल्व की बनावट ठीक नहीं थी, और माइट्रल वाल्व में गंभीर लीकेज था, जिससे उसे जल्दी थकान और सांस फूलने की परेशानी होती थी।
कैसे हुआ एल्दर की बीमारी का पता
परिजनों ने बताया कि जब उन्होंने खेलने के दौरान बच्चे को जल्दी थकते और सांस फूलते देखा, तो उन्होंने स्थानीय डॉक्टर से सलाह ली। वहाँ इको टेस्ट कराने पर पता चला कि हार्ट के एक वाल्व में अत्यधिक लीकेज है, जिससे उसका दिल सामान्य से बड़ा हो गया था। इसके बाद एल्दर को बेहतर इलाज के लिए भारत लाया गया।
हार्ट वाल्व को रिपेयर करना था मुश्किल
क्लिनिकल डायरेक्टर-पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी, डॉ. राजेश शर्मा के अनुसार, यह केस काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि हार्ट वाल्व को रिपेयर करना, बदलने की तुलना में अधिक जटिल प्रक्रिया होती है। डॉक्टरों की टीम ने ओपन हार्ट सर्जरी कर वाल्व की मरम्मत की।
कैसे की गई सर्जरी
सर्जरी के दौरान माइट्रल वाल्व की मरम्मत पोस्टीरियर लीफलेट कॉर्डल ट्रांसफर तकनीक से की गई। इसमें किसी कृत्रिम सामग्री का उपयोग नहीं किया गया, जिससे हार्ट के प्राकृतिक विकास में कोई बाधा न आए। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि अगर वाल्व को रिपेयर नहीं किया जा सकता, तो उसे बदलना पड़ता, लेकिन सफल ऑपरेशन के कारण अब एल्दर को स्थायी राहत मिलेगी।
सर्जरी के बाद तेजी से ठीक हो रहा है एल्दर
सर्जरी के बाद एल्दर की रिकवरी काफी अच्छी हो रही है और वह जल्दी ही पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगा। डॉक्टरों के अनुसार, उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
बच्चों में हार्ट वाल्व की समस्या के लक्षण
डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि अगर बच्चे को जल्दी थकान, सांस फूलना, हार्ट बीट तेज होना, बार-बार सर्दी-जुकाम होना जैसे लक्षण दिखें, तो इसे नज़रअंदाज न करें। ये हार्ट वाल्व में लीकेज या अन्य गंभीर बीमारी के संकेत हो सकते हैं।
हार्ट वाल्व की समस्या क्यों होती है
हार्ट वाल्व की समस्या जन्मजात हो सकती है या रूमेटिक हार्ट डिजीज के कारण विकसित हो सकती है। दोनों ही स्थितियों में वाल्व सिकुड़ सकता है या उसमें लीकेज हो सकता है, जिसका समय पर इलाज बेहद जरूरी है।