आज (20 दिसंबर) को लगातार तीसरे दिन सुप्रीम कोर्ट में खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता Dallewal की सेहत को लेकर सुनवाई होगी। इसमें पंजाब सरकार डल्लेवाल की ब्लड टेस्ट, सीटी स्कैन और कैंसर की रिपोर्ट अदालत को सौंपेगी। सुनवाई दोपहर साढ़े 12 बजे शुरू होगी।
पंजाब सरकार ने बनाई मेडिकल टीम
सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट देने के लिए पंजाब सरकार ने सरकारी राजिंदरा अस्पताल, पटियाला के 4 डॉक्टरों की टीम बनाई है। गुरुवार को टीम ने खनौरी बॉर्डर पर पहुंचकर डल्लेवाल के ब्लड सैंपल लिए और ECG की जांच की। रिपोर्ट के आधार पर सरकार सुबह सुप्रीम कोर्ट जाएगी। गुरुवार 19 दिसंबर की सुबह कमजोरी के कारण डल्लेवाल बेहोश हो गए थे और उन्हें उल्टियां भी हुई। लगभग 10 मिनट तक उन्हें होश नहीं आया।
सुप्रीम कोर्ट को लिखी चिट्ठी
डल्लेवाल फसलों की खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए कानून की मांग कर रहे हैं। इसी बीच, डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट को 6 मुद्दे उठाते हुए चिट्ठी लिखी है, जिसमें आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 2020–21 के आंदोलन के दौरान उनकी मांगे पूरी नहीं की थीं।
सुप्रीम कोर्ट में पिछले 2 दिन की सुनवाई के प्रमुख अंश
18 दिसंबर: पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है, और बिना किसी टेस्ट के कैसे कहा जा सकता है कि वह ठीक हैं? कोई डॉक्टर कैसे कह सकता है कि जांच किए बिना वह ठीक हैं?
17 दिसंबर: पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनके साथ भावनाएं जुड़ी हैं और राज्य को स्थिति को संभालना चाहिए। कोर्ट ने कहा, “सरकार कह रही है कि किसानों को सीधे कोर्ट में अपनी बात रखने की इजाजत दी जाए। हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं। वे यहां सीधे आकर सुझाव या मांगें पेश कर सकते हैं या फिर अपना प्रतिनिधि भेज सकते हैं।
किसानों की मांगे
- सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बने।
- डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से कीमत तय हो।
- किसान और खेत में काम करने वाले मजदूरों का कर्जा माफ हो।
- 60 साल से ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन दी जाए।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए।
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए।
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपये दिहाड़ी दी जाए।
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले।
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए।
- मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए।
- संविधान की 5वीं सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए।