सब्जियों के रेट जब औंधे मुंह गिरते हैं तो किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है। स्टोर करने की क्षमता किसान के पास नहीं होती, लिहाजा उसे अपनी खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ता है, लेकिन अब किसानों को मंदी के दौर में अपने ही हाथों अपनी फसल नष्ट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि ड्रायर मशीन का विकल्प किसानों के सामने है। जिसमें किसान अपनी सब्जी को काटकर ड्रायर मशीन के माध्यम से ड्राई करके एयर टाइट पॉलीबैग में भर सकता है और बाद में रेट अच्छे आने पर बेच सकता है।
इंडो इजरायल सब्जी उत्कृष्टता केंद्र में चार ड्रायर मशीनें पहुंची हैं। जहां पर सब्जी विशेषज्ञ मशीनों पर सब्जी को ड्राई करने व पैकिंग करने का डेमोस्ट्रेशन करेंगे। मशीनें कितना फास्ट काम करती हैं और सब्जी के अंदर मौजूद पोषण तत्वों पर कोई असर पड़ता है या नहीं? कितने टाइम में कितनी सब्जी ड्राई की जा सकती है? किसानों के लिए मशीन कितनी फायदेमंद है? विशेषज्ञ हर एक पहलू पर काम करेंगे और जांच करेंगे। सब कुछ ऑब्जर्व किया जाएगा। डेमोस्ट्रेशन के बाद जो परिणाम सामने आएंगे, उसके आधार पर ही किसानों को रिकमेंड किया जाएगा।
सब्जी उत्कृष्टता केंद्र में विभिन्न प्रकार की सब्जियों का डेमोस्ट्रेशन किया जाता है। किस सब्जी से उत्पादन अच्छा आ रहा है और कितना फायदा मिलता है उसका आकलन करने के बाद ही केंद्र में आने वाले किसानों को जानकारी दी जाती है। सब्जियों की तरह ही मशीनों का भी डेमोस्ट्रेशन सब्जी उत्कृष्टता केंद्र में किया जाता है।
ड्रायर मशीन कैसे काम करेगी
केंद्र के विशेषज्ञ डॉ. लवलेश ने कहा कि अभी डेमोस्ट्रेशन शुरू नहीं किया गया है, लेकिन कंपनी की तरफ से मशीनों के बारे में जानकारी दी गई है। पहले सब्जी को स्लाइस करके मशीन की जालीदार ट्रे में रखना होगा। उसके बाद मशीन को ऑन करके 45 डिग्री तापमान पर सब्जियां रखी जाएंगी और एक निश्चित समय अवधि के बाद सब्जियों को बाहर निकालकर एयर टाइट पॉलीथिन में पैक कर दिया जाएगा।
रिजल्ट आने पर रिकमेंड की जाएंगी
जिसके बाद मार्किट में इस सब्जी को सप्लाई कर सकते है, क्योंकि कुछ कंपनियां अब सब्जियों को ड्राई फोम में यूज करती हैं। उन्होंने कहा कि यह एक विकल्प है, जिससे किसान अपना सकते हैं, लेकिन किसान को तभी दी जाएंगी जब मशीन के रिजल्ट सामने आएंगे।