Farmers march from Fatehabad to Chandigarh

फतेहाबाद से राशन-पानी और ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर किसानों का चंडीगढ़ कूच, मांगें नहीं मानी तो विधानसभा के बाहर लगाएंगे पक्का मोर्चा

फतेहाबाद बड़ी ख़बर

हरियाणा के फतेहाबाद से पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व में काफी किसानों ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को चंडीगढ़ के लिए कूच किया। किसान बाढ़ से खराब फसलों के मुआवजे सहित विभिन्न मांगों को लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे। इससे पहले हिसार, सिरसा और फतेहाबाद के आसपास के गांवों से आए किसान लघु सचिवालय के बाहर एकत्रित हुए। यहां से पैदल, ट्रैक्टर-ट्रालियों और गाड़ियों में सवार होकर चंडीगढ़ के लिए कूच किया।

बता दें कि फतेहाबाद लघु सचिवालय के बाहर किसान पिछले एक माह से ज्यादा समय से मोर्चा लगाकर बैठे हैं। अपनी मांगों को लेकर सब्र का बांध टूटने के बाद किसानों ने मंगलवार को चंडीगढ़ के लिए पैदल कूच कर दिया। किसान अपने साथ ट्रैक्टर-ट्रालियों में राशन पानी भी लेकर निकलते हैं, ताकि उनकी मांगों पर ठोक निर्णय नहीं लिए जाने पर धरना दे सकें। चंडीगढ़ कूच करने से पहले किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान किसानों के साथ काफी महिलाएं भी शामिल थीं।

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नेताओं और उच्चाधिकारियों के समक्ष रखेंगे अपनी मांगें
पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के राज्य संयोजक मनदीप नथवान ने बताया कि किसान करीब एक माह से फतेहाबाद के लघु सचिवालय के बाहर पक्का मोर्चा लगाकर बैठे हैं। इस दौरान उनकी उपायुक्त से बातचीत भी हुई थी, लेकिन किसानों की मांगों और समस्याओं का कोई समाधान नहीं किया गया है। किसानों को मजबूरन चंडीगढ़ कूच का फैसला लेना पड़ा है।

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मनदीप नथवान ने कहा कि चंडीगढ़ पहुंचकर नेताओं और उच्चाधिकारियों के समक्ष किसानों की मांगों को रखा जाएगा, ताकि उनकी सुनवाई हो सके। अगर नेताओं और अधिकारियों ने उनकी सुनवाई नहीं की तो वह विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे। मनदीप नथवान ने बताया कि किसान 4-5 दिन में चंडीगढ़ पहुंच जाएंगे। उनके साथ हजारों किसानों का काफिला होगा। अगर उन्हें वहां पक्का मोर्चा लगाना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटेंगे।

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इन मांगों को नेताओं और उच्चाधिकारियों के समक्ष रखेंगे किसान

किसान नेता मनदीप नथवान ने बताया कि बाढ़ और बारिश से खराब फसलों का किसानों को 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। साथ ही खराब ट्यूबवेलों और मकानों का उचित मुआवजा, एक साल तक बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में बिजली बिलों को नहीं लेने, कर्जदारों किसानों का एक साल का ब्याज माफ करने संबंधी मांगों को पूरा किया जाए। खराब की जगह नए ट्यूबवेल लगने पर कनेक्शन शिफ्टिंग का खर्चा नहीं लेने, धान की पौध पर ब्लैक लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने, घग्गर नदी के टूटे हुए बांध को बनवाने और नदी के किनारों को मजबूत करवाने सहित अन्य कई मांगों नेताओं और अधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा।

साथ ही सरकार की ओर से निशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने, बाढ़ के दौरान लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने, गांवों में छोटे-छोटे बांध बनाने के लिए जेसीबी मशीनें लगवाने की मांग की जाएगी। इसके अलावा उनका पैसा सरकार की ओर से जारी करवाने, बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में सड़कों की तुरंत मरम्मत करवाने, आपदा प्रबंधन के लिए आए सरकारी पैसे की जांच करवाने, मजदूर परिवारों को 20 हजार रुपये प्रति परिवार मुआवजा देने, 2021-22 का बीमा क्लेम व फसल मुआवजा देने और सेम ग्रस्त इलाके सेम मुक्त करने संबंधित मामलों को नेताओं और उच्चाधिकारियों से अवगत कराकर उन्हें पूरा करवाने की मांग की जाएगी।