फतेहाबाद से अभी बाढ़ का पानी निकला नहीं था की अब भट्टू क्षेत्र में सेम से परेशान किसानों ने आवाज बुलंद करना शुरू कर दी है। गांव में कैंसर और किडनी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस समस्या को लेकर किसानों द्वारा कमेटी गठित की जाएगी और बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। उन्होंने ऐलान किया कि प्रशासन नहीं जागा तो भट्टू को आने-जाने वाले हर रास्ते को जाम किया जाएगा और जिला मुख्यालय पर भी धरना शुरू किया जाएगा।
13 वर्षों से नहीं ले रहा कोई सुध
गांव ठुइयां में इकट्ठे हुए किसानों का कहना है कि बाढ़ में घर डूबे, फसलें तबाह हुई और लोगों के लिए खाने का संकट बना तो सरकार और प्रशासन सहित हर कोई आगे आया, लेकिन उनके लिए तो पिछले 13 वर्षों से हर महीने लगातार बाढ़ वाली स्थिति बनी रहती है, उनकी सुध कोई नहीं ले रहा। अंगद ढि़ंगसरा ने कहा कि 13 वर्षों से कई गांवों में सेम की समस्या बनी हुई है। 2010 के बाद से यह ज्यादा गहरा गई है। कुछ एरिया से शुरू हुई सेम अब 15 गांवों को अपने चपेट में ले चुकी है।
खेतों के हालात बाढ़ से भी ज्यादा बुरे, कैंसर और किडनी के रोग लगातार बढ़ रहे
गांव में खेतों के हालात यह है कि खेतों में कोई फसल नहीं हो पाती, पानी नमकीन होने के कारण उसे पी नहीं सकते, नहरी पानी के लिए बनी वाटर डिग्गी भी जमीनी पानी से अपने आप भर जाती है। जिससे कैंसर और किडनी के रोग बढ़ रहे हैं। खाने को दाने तो दूर की बात, पशुओं के लिए चारा भी नहीं हो पाता।
क्या हैं किसानों की मांगें
किसानों ने बताया कि आज कमेटी गठित कर आंदोलन की रूप रेखा तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि आंदोलन की मुख्य मांग इस क्षेत्र को सेम से छुटकारा दिलाना है। सेमग्रस्त रकबे को स्पेशल जोन का दर्जा देकर बजट पास करवाना, हर किसान को 50 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग की है।
किसानों की बिजली बिल माफ करने, 10 लाख तक के कैशलेस फसल बीमा करने, इन गांवों में कन्या की शादी पर परिवार को 5 लाख रुपए की सहायता राशि देने, सभी लोन माफ करने की मांग उठाई जाएगी।