Shock to earning women of Haryana

Haryana की कमाऊ महिलाओं को झटका, बच्चों के लिए क्रेच सेंटर में भरनी होगी फीस, आय के हिसाब से 50 से 1000 तक भुगतान का प्रावधान

पंचकुला बड़ी ख़बर हरियाणा

हरियाणा सरकार ने प्रदेश में काम करने वाली महिलाओं को जोर का झटका धीरे से दिया है। यह झटका प्रदेश में चल रहे क्रेच सेंटरों में मासिक फीस लागू करके दिया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से चलाए जा रहे क्रेच सेंटरों में बच्चों को रखने के लिए अब फीस देना अनिवार्य होगा। फीस परिवार पहचान पत्र में दर्शाई गई पारिवारिक आय के आधार पर 50 से 1000 रुपये तक तय की गई है। महिला एवं बाल विकास विभाग निदेशक ने जारी पत्र में क्रेच सेंटरों को नियमित रूप से चलाने के लिए फीस का उपयोग करने का उल्लेख भी किया है। साथ ही फीस का बयोरा रखने के लिए एक कमेटी भी गठित की गई है।

गौरतलब है कि हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा ने करीब 6 माह पहले क्रेच नीति को लेकर बयान जारी किया था। मंत्री कमलेश ढांडा का कहना था कि प्रदेश सरकार ने कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखते हुए यह नीति बनाई। जिसके तहत 6 माह से 6 साल तक के बच्चे को क्रेच में आठ से दस घंटे तक रखने का प्रबंधन किया गया। इसी बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेशभर में 500 क्रेच सेंटर खोलने की घोषणा की थी। इन क्रेच सेंटर में काम करन वाले कर्मियों को 15 हजार रुपये और सहायिका को 7500 रुपये प्रति माह वेतन देने की घोषणा की गई थी। अब सरकार ने क्रेच सेंटरों का खर्चा निकालने के लिए नई नीति तैयार की है।

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Teacher with preschool students having fun while finger painting at class

उधर मंत्री के बयान के बाद विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा का कहना था कि प्रदेश में 50 से अधिक कर्मचारियों वाले सभी संस्थानों को क्रेच सेंटर खोलना अनिवार्य रहेगा। इन क्रेच सेंटर में बच्चों के स्वास्थ्य से लेकर खेलने का सामान, पौष्टिक भोजन, टीकाकरण, सोने की व्यवस्था, शिक्षा और शारीरिक व सामाजिक-भावनात्मक विकास के लिए तमाम प्रबंध रखने के निर्देश दिए गए थे।

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Happy Latin American teacher with a group of elementary students playing with toy blocks

वहीं प्रदेश में अब तक प्रदेश में करीब 180 से ज्यादा क्रेच सेंटर शुरू किए जा चुके हैं। इन्हें नई पॉलिसी के तहत अपग्रेड किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग ने आधुनिक सुविधा युक्त क्रेच स्थापित करने के लिए मोबाइल क्रेच ऑर्गनाइजेशन के साथ समझौता किया है। यह क्रेच माह में 26 दिन खुलेंगे। बच्चों की सुरक्षा के लिए अभिभावकों और स्टाफ कर्मियों के आई कार्ड भी बनाए जाएंगे।

क्रेच सेंटर 1

अब इन सेंटरों में समुदाय की भागीदारी को बढ़ाने का तर्क देते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने लिया मासिक फीस तय करने का फैसला है। इस शुल्क को जमा करने के लिए संबंधित जिला अधिकारी के नाम पर बैंक में खाता भी खोला जाएगा। हरियाणा सरकार की ओर से खोले गए क्रेच सेंटरों में पहले किसी तरह की फीस लेने का कोई प्रावधान नहीं था। अब विभाग ने फीस लेने का नया फरमान जारी किया है।

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बताया जा रहा है कि क्रेच सेंटरों के जरिए बच्चों से मिलने वाली फीस को साफ-सफाई, संबंधित सामान, स्टेशनरी, गैस चूल्हा, सिलेंडर भरवाने, चादर, तौलिए, इलेक्ट्रिक सामान जैसे कार्यों में खर्च किया जाएगा। इतना ही नहीं क्रेच सेंटरों में ली जाने वाली फीस का ब्योरा रखने के लिए कमेटी का गठन किया गया है।

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बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से गठित की गई कमेटी हर माह निदेशालय को इन सेंटरों में आने वाली फीस का बयोरा देगी। वहीं इस फीस का सीधा बोझ काम करने वाली महिलाओं पर पड़ने जा रहा है।

क्रेच सेंटर 4

गौरतलब है कि सरकार ने इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए इसे दो चरणों में पूरा करने का फैसला लिया था। प्रथम चरण के तहत प्रदेश में 180 से ज्यादा क्रेच सेंटर चल रहे हैं। अब इनमें सुदृढ़ व मूलभूत सुविधाएं प्रदान कर बेहतर तरीके से चलाने की योजना है। इसके बाद दूसरे चरण में शेष 318 नए क्रेच सेंटर कामकाजी महिलाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ऐसे स्थानों पर खोले जाने हैं, जहां ज्यादा संख्या में महिलाएं कार्य करती हैं।

क्रेच सेंटर 2

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