पहाड़ी इलाकों में हुई लगातार वर्षा के चलते पिछले वर्ष यमुना ने भारी तबाही मचाई थी। जब हथिनी कुंड बैराज से 3 लाख 59000 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ था। जिसकी वजह से यमुनानगर के कई इलाकों के डूबने का खतरा पैदा हो गया था। अब इन गांव की सुरक्षा के लिए, इसके अलावा अन्य गांव एवं यमुना के साथ लगते इलाकों के लिए बाढ़ रोकथाम कार्य करवाए जाने हैं। जिसके लिए 140 करोड़ के विभिन्न कार्यों को मंजूरी मिली है। जिसमें अगले कुछ दिनों में टेंडर कॉल कर काम अलाट किया जाएगा।
यमुनानगर में सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता आरएस मित्तल ने बताया कि पिछले वर्ष हथिनी कुंड बैराज से 3 लाख 59000 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ था। इसी दौरान यमुनानगर जिला के विभिन्न मैदानी इलाकों में 400 से 500 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई थी। जबकि सोम नदी से भी 42000 क्यूसेक पानी यमुना में मिल गया था। इसी की वजह से यमुनानगर के टापू कमालपुर और बेलगढ़ में काफी नुकसान हुआ था। टापू कमालपुर में पानी गांव की आबादी से कुछ ही दूरी तक जा पहुंचा था। उन्होंने बताया कि टापू कमालपुर के लिए और बेलगढ़ में हुई तबाही फिर ना हो उसके लिए बाढ़ रोकथाम कार्यों को जल्दी शुरू किया जाएगा। जिसे 30 जून तक पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 100 करोड रुपए की लागत से होने वाले विभिन्न कार्य 30 जून तक पूरे कर लिए जाएंगे।
सिंचाई विभाग के आर एस मित्तल ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में जिन कार्यों को मंजूरी मिली उनमें यमुनानगर जिला के कार्यों के लिए टेंडर कॉल कर दिए गए हैं। जिन पर लगभग 100 करोड़ की लागत आएगी। जबकि इसके अलावा कुछ अन्य कार्य हैं। इस तरह कुल मिलाकर 140 करोड़ की लागत से यमुनानगर जिला में बाढ़ रोकथाम कार्य होने हैं जिन्हें 30 जून तक पूरा कर लिया जाएगा। पहाड़ी इलाकों के बाद यमुनानगर सबसे पहला जिला है जहां बाढ़ तबाही मचाती है। इसी को लेकर बाढ़ रोकथाम कार्य किए जाते हैं। इस बार यह कार्य जल्दी शुरू किया जा रहे हैं ताकि 30 जून से पहले-पहले यह कार्य पूरे कर लिए जाएं और लोगों को कम से कम मुसीबतों का सामना करना पड़े।