Ghaziabad ठंड के इस मौसम में गाजियाबाद के नगर आयुक्त विक्रमादित्य (IAS) ने इंसानियत की ऐसी मिसाल पेश की, जिसकी चर्चा यूपी से लेकर हरियाणा तक सुनाई दे रही है। आधी रात को सड़कों पर उतरकर उन्होंने न केवल निराश्रितों को राहत पहुंचाई, बल्कि ठंड में कांपते बेजुबानों की भी सुध ली। उनके इस दिल छूने वाले काम की हर जगह तारीफ हो रही है।
देर रात निरीक्षण के दौरान रेलवे स्टेशन पहुंचे IAS विक्रमादित्य ने अलाव के पास बैठे एक श्वान को ठंड से कांपते देखा। उन्होंने तुरंत उसे बिस्किट खिलाए और उसकी पीठ पर गर्म कपड़ा रखकर उसे राहत दी। यह छोटा सा कदम उनकी गहरी मानवीय सोच और जिम्मेदारी का प्रतीक बना। इसके बाद नगर आयुक्त नंदी पार्क पहुंचे, जहां उन्होंने गोवंशों के लिए ठंड से बचाव के इंतजामों का जायजा लिया। एक बछड़े को ठंड से बचाने के लिए उन्होंने खुद अपने हाथों से झूल पहनाया। वहां मौजूद कर्मचारियों को गोवंशों की नियमित देखभाल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
सड़क पर रहने वाले जरूरतमंदों की मदद के लिए IAS विक्रमादित्य ने कंबल वितरित किए और अलाव व्यवस्था को बेहतर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ठंड से बचाव के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं, ताकि कोई भी ठंड से प्रभावित न हो। IAS विक्रमादित्य ने गाजियाबाद के नागरिकों और आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों से अपील की कि वे बेजुबान पशु-पक्षियों की मदद के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा, “सर्दी के इस कठिन समय में हमें न केवल इंसानों, बल्कि बेजुबानों की मदद के लिए भी हाथ बढ़ाना चाहिए। यह हमारी इंसानियत का असली परीक्षण है।”
2018 बैच के IAS विक्रमादित्य सिंह मलिक चंडीगढ़ से ताल्लुक रखते हैं और अपनी कड़ी मेहनत और लगन के लिए जाने जाते हैं। उनके पिता युद्धवीर सिंह मलिक हरियाणा में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रह चुके हैं, जबकि उनकी मां एक लेखिका हैं। ऐसे में IAS विक्रमादित्य की इस पहल की सराहना केवल गाजियाबाद तक सीमित नहीं रही। उनकी दरियादिली और संवेदनशीलता की चर्चा यूपी से लेकर हरियाणा तक हो रही है।