हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इजराइल के लिए मजदूरों की भर्ती के संबंध में राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा के बयान पर पलटवार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को भी इजराइल जाने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा है और इस पर निर्भर है कि व्यक्ति जाना चाहता है या नहीं।
मनोहर लाल ने बताया कि हरियाणा सरकार ने कौशल रोजगार निगम के माध्यम से 10 हजार निर्माण श्रमिकों की भर्ती के लिए एक विज्ञापन जारी किया है, जिन्हें इजराइल भेजा जाएगा। इजराइल वर्तमान में अपने प्रतिद्वंद्वी देश हमास के साथ युद्ध में व्यस्त है, जिसके कारण वहां की इमारतों और संसाधनों को काफी नुकसान हुआ है। मनोहर लाल ने बताया कि इससे यह मत निकलता है कि कोई इजराइल में नहीं रहेगा, बल्कि पहले भी विभिन्न देशों के लोग आते थे और अब हमारे लोग वहां जाएंगे। सरकार ने इन लोगों के लिए कानूनी चैनल प्रदान किया है। पिछले दिनों दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार की ओर से नौकरियों की कमी और नॉन-परफॉर्मिंग सरकार के बारे में आलोचना की थी, जिसका मुख्यमंत्री ने खण्डन किया।
कम से कम 10वीं होना चाहिए पास
मनोहर लाल सरकार ने हाल ही में इजराइल में नौकरी के लिए एक विज्ञापन जारी किया है। इस विज्ञापन के अनुसार हरियाणा सरकार ने बिल्डिंग फ्रेमवर्क करने वालों, सेरेमिक टाइल्स लगाने वालों, दीवारों पर प्लास्टर करने वालों और आयरन बेंडिंग करने वालों के लिए आवेदन मांगे हैं। इन पदों के लिए आवेदन करने के लिए आवेदक को कम से कम 10वीं कक्षा की शिक्षा होनी चाहिए।
प्रत्येक श्रमिक को कितने मिलेंगे माह में पैसे
साथ ही उनके पास कम से कम 3 साल का अनुभव भी होना चाहिए। आवेदक की उम्र 25 से 45 साल के बीच होनी चाहिए। नौकरी के लिए चयनित व्यक्तियों को हर महीने इजराइली करेंसी में 6100 न्यू इजराइली शेकेल एनआईएस मिलेंगे, जो भारतीय करेंसी में करीब 1 लाख 38 हजार 235 रुपए होते हैं। इस विज्ञापन के माध्यम से सरकार ने इजराइल के निर्माण क्षेत्र में श्रमिकों की कमी को पूरा करने की कोशिश की है।