पंजाब, चंडीगढ़, और हरियाणा क्षेत्र में कुत्तों के काटने से होने वाली चोटों के मामले पर मुआवजा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई गई है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जज विनोद एस. भारद्वाज ने यह निर्देश दिया है, जिसमें उन्होंने समितियों की गठन की बात की है, जो प्रदेशों को इस तरह के मामलों का सही मुआवजा देने में मदद करेंगी।
हाईकोर्ट ने इस समस्या के समाधान के लिए 193 याचिकाओं का निपटारा किया है और प्रदेशों को चंडीगढ़ समेत इस चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करने के लिए समितियों की गठन करने का आदान-प्रदान किया है। इन समितियों की अध्यक्षता में जिले के डिप्टी कमिश्नर रहेंगे, जिन्हें 4 महीनों के भीतर-भीतर आवेदनों की जांच करना होगा और मुआवजा राशि का निर्धारण करना होगा।
सड़क हादसों और कुत्तों के हमले में वृद्धि की चिंता
यह अद्यतित कदम उच्चतम न्यायालय के जजों द्वारा लिया गया है, क्योंकि हाईकोर्ट ने पशुओं के कारण होने वाली सड़क हादसों और कुत्तों के हमले में वृद्धि की चिंता भी व्यक्त की है। यह समितियां निर्धारित अवधि के भीतर मुआवजे राशि निर्धारित करेंगी और इसे प्रदेश सरकार को वित्तीय रूप से बहुत होशियार रहने का आदान-प्रदान करेंगी। हादसे में मृत्यु व हानि के मामलों में मुआवजा राशि की समीक्षा करने वाली समितियों का गठन किया जाएगा, जिन्हें यह निर्देश दिया गया है कि वे जिले के डिप्टी कमिश्नर के अध्यक्षता में होंगी।
चार माह में मुआवजा राशि करनी होगी निर्धारित
इन समितियों को आवेदन प्राप्त होने के बाद चार महीने के भीतर मुआवजा राशि निर्धारित करनी होगी और यह राशि शिकायतकर्ता को जारी की जाएगी। इस निर्देश के अनुसार, राज्य सरकार को मुआवजे देने के लिए जिम्मेदार होगा और वह इसे डिफॉल्ट एजेंसियों, उपकरणों, या निजी व्यक्तियों से वसूल सकती है। हाईकोर्ट ने इसे तय करने का आदिकार दिया है कि कितना मुआवजा देना है और यह राशि कितनी होगी। इस निर्देश में यह भी उजागर किया गया है कि कुत्तों के काटने से होने वाली घायली मामलों में न्यूनतम 10,000 रुपए प्रति दांत के निशान का मुआवजा होगा। अगर कोई कुत्ता किसी की मांस नोच लेता है, तो प्रति 0.2 सेंटीमीटर घाव के लिए मुआवजा न्यूनतम 20,000 रुपए होगा।
घटना के स्थान का विस्तृत रिपोर्ट किया जाएगा तैयार
इस निर्देश के तहत हाईकोर्ट ने शिकायत मिलने पर पुलिस को भी जिम्मेदारी दी है कि वह शिकायत पर त्वरित रिपोर्ट करें और जांच शुरू करें। शिकायत प्राप्त होने पर थाने के एसएचओ को बिना किसी देरी के एक डेली डायरी रिपोर्ट (डीडीआर) दर्ज करनी होगी और पुलिस अधिकारी द्वारा किए गए दावों की जांच करनी होगी। इसके बाद गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे और घटना के स्थान का विस्तृत रिपोर्ट तैयार किया जाएगा। रिपोर्ट की कॉपी भी दावेदार को प्रदान की जाएगी। पंजाब के हेल्थ डिपार्टमेंट के अनुसार, पिछले 5 साल में प्रदेश में 6,50,904 लोग कुत्तों के काटने से घायल हो गए हैं, जबकि पिछले वर्ष में मात्र 2022 में ही 1,65,119 लोगों को कुत्तों ने काटा है। यह आँकड़े दिखाते हैं कि यह समस्या गंभीर हो रही है और इस पर त्वरित कदम उठाना आवश्यक है।