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हरियाणा में CET परीक्षा पर महिपाल ढांडा का ऐलान: 26-27 जुलाई को सभी स्कूलों में छुट्टी, नेताओं के बेटे को पढ़ाई का अधिकार, राजनीति करना जुर्म नहीं

हरियाणा

➤हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने 26 और 27 जुलाई को CET परीक्षा के चलते सभी स्कूलों में अवकाश की घोषणा की।

➤पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा द्वारा यूनिवर्सिटी में कोर्स बंदी पर लगाए गए आरोपों को मंत्री ने “पुराने ख्यालात” करार दिया।

➤CRSU में छात्र संख्या और संसाधनों के आधार पर कोर्स बंद करने की बात स्वीकारते हुए मंत्री ने “व्यवहारिक निर्णय” बताया।

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हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा गुरुवार को जींद स्थित चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी (CRSU) पहुंचे, जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कई अहम घोषणाएं और राजनीतिक टिप्पणियां कीं। सबसे महत्वपूर्ण घोषणा रही — राज्यभर के सभी स्कूलों में 26 और 27 जुलाई को होने वाली सीईटी परीक्षा के मद्देनजर अवकाश। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अवकाश सभी स्कूलों के लिए होगा, चाहे परीक्षा केंद्र बना हो या नहीं, ताकि किसी भी भ्रम की स्थिति से बचा जा सके।

इस दौरान मंत्री ने CRSU में कोर्स बंद करने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब भी दिया। हुड्डा ने हाल ही में सरकार पर आरोप लगाए थे कि जींद यूनिवर्सिटी में 20 से ज्यादा रोजगारपरक कोर्स फैकल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के नाम पर बंद किए जा रहे हैं, जिससे छात्रों को कुरुक्षेत्र, दिल्ली या अन्य शहरों में जाना पड़ेगा।

इस पर शिक्षा मंत्री ने दो टूक कहा, “हुड्डा जी पुराने खयालों में जी रहे हैं। समय तेजी से बदल रहा है और हमें शिक्षा को रोजगारपरक बनाना है। जहां छात्रों की संख्या नहीं है, वहां कोर्स बंद करना ही तर्कसंगत है।”

उन्होंने बताया कि सरकार ने केवल उन्हीं कोर्स को बंद किया है जहां छात्रों की भागीदारी नगण्य थी, जबकि जिन कोर्सों में छात्रों की संख्या है, वे सुचारू रूप से चल रहे हैं। रेगुलर फैकल्टी की बात पर उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ कमियां जरूर हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन — कुलगुरु और कुलसचिव — मिलकर इन्हें सुधारने की दिशा में प्रयासरत हैं

नेताओं के बच्चों की नियुक्ति को लेकर पूछे गए सवाल पर, विशेषकर सुभाष बराला के बेटे को लॉ ऑफिसर बनाने पर, मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा, “क्या नेता होना जुर्म है? क्या हम नेताओं के बच्चों को पढ़ाना बंद कर दें? यदि कोई मेहनत से पढ़ता है और आगे बढ़ता है तो उसे उसका हक मिलना चाहिए।”

उनकी इस टिप्पणी का उद्देश्य विपक्ष द्वारा लगाए गए भाई-भतीजावाद के आरोपों को खारिज करना था। उन्होंने कहा कि सरकार योग्यता के आधार पर चयन में विश्वास रखती है, और नेता का बेटा होना उसकी कमजोरी नहीं हो सकती।

शिक्षा मंत्री के CRSU दौरे के दौरान उन्होंने कार्यक्रम में छात्राओं को सम्मानित भी किया, जो कि यूनिवर्सिटी के लिए प्रेरणास्पद क्षण था।