हरियाणा के जिला फरीदाबाद में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत मंडपम में अपना सहयोग दे चुकी 23 वर्षीय युवती से ढाई लाख की ठगी का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं आईटी की पढ़ाई पूरी कर चुकी युवती को साइबर ठगों ने 17 दिनों तक घर में ही डिजिटल अरेस्ट करके रखा। शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दरअसल फरीदाबाद की रहने वाली अनन्या मंगला ने साइबर क्राइम थाने में दी शिकायत में कहा है कि 12 अक्टूबर को उसके पास एक कॉल आई। जिसमें कॉलर ने खुद को लखनऊ कस्टम विभाग का अधिकारी बताया। कहा कि एक पार्सल कंबोडिया भेजा जा रहा है। जिसमें काफी संख्या में पासपोर्ट और अन्य कार्ड हैं। यह पार्सल आपके आधार नंबर से लिंक है। जिसके लिए आपको आज ही एफआईआर करानी पड़ेगी, वरना आपको लखनऊ कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।
पुलिस की वर्दी पहने दिखाई दिए लोग
इसके बाद उन्होंने अनन्या को स्काइप ऐप पर आने को कहा। उसके बाद बोला कि अब हम आपको पुलिस अधिकारियों से जोड़ रहे हैं, जिसके बाद अनन्या के स्काइप पर पुलिस थाने का बैकग्राउंड दिखाई देने लगा। उसमें पुलिस की वर्दी पहने लोग दिखाई दिए। इसके बाद पुलिस अधिकारी ने अनन्या से कहा कि हम आपका आधार कार्ड अपने सेंटर में चेक करते हैं, फिर कुछ देर बाद उसने कहा कि आपके खिलाफ तो पहले ही एक एफआईआर दर्ज है।
अनन्या को अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए दिए पैसे की शिकायत
एक बैंक के अधिकारी का नाम लेते हुए कहा कि आप उससे एसोसिएटिड हैं। उसके खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। साथ ही उन्होंने अनन्या को डराया की हमारे पास कुछ ऐसी शिकायतें हैं, जिसमें लोगों ने कहा कि हमने अनन्या को अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए पैसे दिए हैं। उसमें 3 करोड़ 80 लाख रुपए का भुगतान होने की भी शिकायत है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम आपकी मदद करना चाहते हैं और हर संभव मदद भी करेंगे।
हम डिजिटल अरेस्ट कर रहे है
उन्होंने कहा कि सीबीआई अधिकारी भी हमारी बिल्डिंग में बैठते हैं। हम उनसे आपकी बात करते हैं, जिस पर सीबीआई अधिकारी ने अनन्या से कहा कि जितने कीमत के आपके खिलाफ चार्ज हैं, उसका 5 प्रतिशत यानी 15 लाख रुपए आपको अभी देना होगा, वरना आपको अरेस्ट करना पड़ेगा। इस मूल्य के भुगतान में अनन्या ने अपनी असमर्थता जताई तो उन्होंने कहा कि हम आपकी मदद कर रहे हैं। आपको हम डिजिटल अरेस्ट कर रहे हैं।
पिता के एटीएम नंबर और ओटीपी की रखी मांग
आपको अपना स्काइप बंद नहीं करना होगा, हम आपकी आवाज सुनते रहेंगे। दरअसल अनन्या अपनी आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जा रही थी। इसके चलते अपने हॉस्टल की फीस के लिए रखे हुए ढाई लाख रुपए उसने आरोपियों के बताए खाते में ट्रांसफर भी कर दिए। इसके बाद वह लगातार अनन्या पर दबाव बनाते रहे कि वह अपने पिता के एटीएम का नंबर उन्हें बताए। पिता के फोन पर आए ओटीपी को उन्हें बताए।
छोटे भाई को बताई आपबीती
अपने दोस्तों से रुपए लेकर उन्हें दे, कई दिनों के प्रयास के बाद भी जब आरोपी और पैसे लेने में सफल नहीं रहे तो उन्होंने अनन्या से कहा कि अब हम आपका डिजिटल अरेस्ट खत्म कर रहे हैं। आप अपना स्काइप अकाउंट अब लॉग आउट कर सकते हैं। 17 दिनों तक घर में ही डिजिटल अरेस्ट रहने के बाद अनन्या ने अपने छोटे भाई को अपनी आपबीती बताई। फिर मां को इसकी जानकारी हुई, तब जाकर उन्होंने इसकी शिकायत साइबर थाने में की।