फतेहाबाद के टोहाना धान घोटाले में कोर्ट द्वारा खाद्य आपूर्ति निरीक्षक (इंस्पेक्टर) और एक मिल मालिक को 4-4 साल कैद की सजा सुनाई गई है और दोनों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। यह सजा अमानत में खयानत के दोष साबित होने पर दी गई।
इंस्पेक्टर सतपाल को एंटी करप्शन एक्ट के तहत 3 साल की कैद व 20 हजार रुपए जुर्माना अलग से भी लगाया है। फतेहाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील जिंदल की कोर्ट ने करोड़ों रुपए के इस धान घोटाले में सजा सुनाई। हालांकि सुनवाई के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक टोहाना सदर पुलिस ने 18 दिसंबर 2014 को आरोपी सतपाल सिंगला व हरप्रीत सिंह सहित 24 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 240, 406, 409, 467, 468, 471, 120बी व पीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।
3 हजार मीट्रिक टन की बजाय अधिक धान किया जारी
पुलिस को दी शिकायत में खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि साल 2014-15 में 82 हजार क्विंटल से ज्यादा धान खुर्द-बुर्द किया। जिसमें टोहाना के खाद्य आपूर्ति इंस्पेक्टर सतपाल सिंगला ने 3 हजार मीट्रिक टन के बजाय अधिक धान जारी कर दिया। हालांकि इसके बारे में उसने विभाग के उच्च अधिकारियों को नहीं बताया। शिकायतकर्ता अनुसार समय रहते बताने पर विभागीय नुकसान को रोका जा सकता था। मगर सतपाल सिंगला उच्च अधिकारियों गुमराह करता रहा। वह विभाग के नियमों के उलट शैलर को निर्धारित मात्रा से अधिक धान जारी करता रहा।
शैलर मालिक के साथ साबित होती है मिलीभगत
जिससे सतपाल सिंगला की भी शैलर मालिक के साथ मिलीभगत साबित होती है। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनी। जिसके बाद तत्कालीन इंस्पेक्टर सतपाल सिंगला व मिल मालिक हरप्रीत सिंह को दोषी करार दिया गया था। इस मामले में अदालत ने 21 आरोपियों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया था। वहीं एक आरोपी की अदालत में सुनवाई के दौरान मौत हो गई।