Haryana के एंटी करप्शन ब्यूरो में अब किसी भी प्रकार की सिफारिश से नियुक्ति की बजाय ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह पहल आईपीएस अधिकारी आलोक मित्तल ने की है, जिन्होंने हाल ही में एंटी करप्शन ब्यूरो की कमान संभाली थी। इस बदलाव से ब्यूरो में काम करने की इच्छा रखने वाले अधिकारी अब सीधे एसीबी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत
आलोक मित्तल ने एंटी करप्शन ब्यूरो में नियुक्ति पाने की प्रक्रिया को पारदर्शी और सिफारिश रहित बनाने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल का लिंक एसीबी की आधिकारिक वेबसाइट www.acb.haryana.gov.in पर उपलब्ध है। इस पोर्टल के माध्यम से एसीबी में डेपुटेशन पर काम करने के इच्छुक अधिकारी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
आलोक मित्तल ने इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए डीजीपी शत्रुजीत कपूर को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने पुलिस विभाग के सभी अधिकारियों से इस बदलाव के बारे में सूचना फैलाने का अनुरोध किया। डीजीपी ने तत्परता से इस संदेश को सभी अधिकारियों तक पहुंचाया।
देश की पहली महिला पीसीआर की शुरुआत
आईपीएस आलोक मित्तल का कार्यकाल कई ऐतिहासिक पहलुओं से जुड़ा है। उन्होंने 2007 में फरीदाबाद में महिला पीसीआर की शुरुआत की थी, जो देश में अपनी तरह की पहली योजना थी। इसके बाद कई राज्यों में इस योजना को लागू किया गया।
साइबर अपराध और एनआईए में अनुभव
आलोक मित्तल का राष्ट्रीय सुरक्षा और जांच एजेंसियों में भी बड़ा अनुभव है। उन्होंने सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा और साइबर अपराध विभाग में काम किया है। इसके अलावा, वह एनआईए में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभा चुके हैं। हरियाणा पुलिस में भी उनके कार्यकाल में कई उल्लेखनीय योजनाओं को लागू किया गया, खासकर फरीदाबाद में उनके कार्यकाल के दौरान कई योजनाएं प्रदेशभर में लागू हुईं।
आमजन से अपील
आलोक मित्तल ने एंटी करप्शन ब्यूरो का कार्यभार संभालते हुए आमजन से भी अपील की है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्त है या रिश्वत की मांग करता है, तो इसकी सूचना तुरंत हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के हेल्पलाइन नंबर 1064 या 1800-180-2022 पर दें। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ इस मुहिम में आमजन की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है और इस सहयोग से ही प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जा सकता है।
आलोक मित्तल का शैक्षिक और पेशेवर बैकग्राउंड
आलोक मित्तल का शैक्षिक और पेशेवर बैकग्राउंड भी बहुत मजबूत है। उन्होंने IIT रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और उसके बाद उस्मानिया विश्वविद्यालय से पुलिस मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री की। इसके अलावा, उन्होंने नालसर यूनिवर्सिटी से साइबर लॉ में पीजी डिप्लोमा भी किया है। 1993 में यूपीएससी परीक्षा पास कर आईपीएस बने आलोक मित्तल ने टाटा मोटर्स में नौकरी की थी और बाद में हरियाणा कैडर जॉइन किया।
निष्कलंक कार्यशैली की ओर एक और कदम
आईपीएस आलोक मित्तल की कार्यशैली और उनके द्वारा उठाए गए कदम हरियाणा पुलिस और एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्यप्रणाली में बदलाव का प्रतीक बन रहे हैं। यह कदम ब्यूरो में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए अहम साबित हो सकता है।