- हरियाणा सरकार फेस ऐप लॉन्च कर रही है, जिससे पेंशनर और सामाजिक सुरक्षा लाभार्थी घर बैठे लाइफ सर्टिफिकेट दे सकेंगे।
- ऐप का पायलट प्रोजेक्ट अगस्त में पंचकूला और अंबाला जिलों में शुरू होगा।
- ऐप से डिजिटल रिकॉर्ड अपडेट, मृत लाभार्थियों की पहचान हटाना, और बुजुर्गों को राहत देना मुख्य उद्देश्य हैं।
हरियाणा सरकार राज्य के पेंशनरों और सामाजिक सुरक्षा लाभार्थियों के लिए एक डिजिटल फेस ऐप लॉन्च करने जा रही है, जिससे वे साल में दो बार जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) को अपने मोबाइल से ही जमा कर सकेंगे। यह ऐप अभी परीक्षण के अंतिम चरण में है और अगस्त महीने में पंचकूला और अंबाला जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत होगी। इसके सफल परीक्षण के बाद इसे राज्य के अन्य 20 जिलों में भी लागू किया जाएगा।
इस नई पहल से हरियाणा के 36 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को फायदा मिलेगा, जिनमें 22 लाख वरिष्ठ नागरिक, 8.88 लाख विधवाएं, 2.09 लाख दिव्यांगजन, ट्रांसजेंडर, निराश्रित बच्चे और दुर्लभ रोगियों से ग्रसित व्यक्ति शामिल हैं।
सरकार द्वारा इस ऐप को लॉन्च करने के पीछे तीन मुख्य कारण हैं:
- रिकॉर्ड अपडेट करना:
राज्य के सभी विभागों का डेटा ऑनलाइन किया जा रहा है। यह ऐप सभी लाभार्थियों की पहचान और स्थिति अपडेट करने में सहायक होगा। - मृत लाभार्थियों की पहचान हटाना:
कई बार सरकारी लाभ ऐसे लोगों को मिलते रहते हैं जो अब जीवित नहीं हैं। यह ऐप जैव प्रमाणीकरण के ज़रिए मृतकों के नाम हटाने में मदद करेगा। - बुजुर्गों को राहत देना:
वृद्ध पेंशनरों को अब तहसीलों और दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वे घर बैठे मोबाइल से फेस ऐप के जरिए ऑनलाइन लाइफ सर्टिफिकेट दे सकेंगे।
ऐप का उपयोग कैसे करें:
- लाभार्थी को साल में दो बार ऐप में लॉग इन कर चेहरा स्कैन कराना होगा।
- जिनके पास स्मार्टफोन नहीं हैं, उनके लिए कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) और ब्लॉक लेवल कार्यालयों पर सुविधा उपलब्ध रहेगी।
इस पहल की प्रेरणा राजस्थान और तमिलनाडु से ली गई है। हरियाणा सर्विस डिपार्टमेंट के निदेशक प्रशांत पंवार ने बताया कि फरवरी में उनकी टीम ने राजस्थान का दौरा किया था और वहां से सीख लेकर यह ऐप तैयार किया गया है।
विभाग की एसीएस जी अनुपमा ने बताया कि तकनीकी बाधाओं के कारण कोई भी लाभार्थी वंचित न रह जाए, इसके लिए स्थानीय सेवा कार्यालयों को सक्रिय किया जाएगा।
यह ऐप डिजिटल इंडिया मिशन की दिशा में हरियाणा सरकार का एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो पेंशन सिस्टम में पारदर्शिता, सुविधा और भ्रष्टाचार पर अंकुश लाने में मदद करेगा।