हरियाणा में गाँवों और शहरों की स्थानीय सरकारों के खाता-बही की जाँच के लिए लेखा परीक्षा नियंत्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा प्रमाणित ऑडिटर्स ही ऑडिट करेंगे। इससे वित्तीय अनियमितताओं की जाँच और जवाबदेही को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। डिप्टी कंट्रोलर और ऑडिटर जनरल सुबीर मलिक की सलाह पर, चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल ने फाइनेंस डिपार्टमेंट के अतिरिक्त मुख्य सचिव को सीएजी प्रमाणित ऑडिटर्स से ही ऑडिट कराने के लिए आदेश जारी किया है।
सरकार के इस निर्णय से पहले ही, डिप्टी कंट्रोलर और ऑडिटर जनरल ने सरकार को सुझाव दिया था कि फाइनेंस कमीशन के अलावा, सीएजी और हरियाणा सरकार के स्थानीय निधि ऑडिटर्स द्वारा किए गए ऑडिट में कुछ गड़बड़ियां प्रकट हुईं हैं। पंचायतों और नगर निकायों के खातों की देखभाल में भी कुछ कमियां आईं थीं। इसलिए, सीएजी प्रमाणित ऑडिटर्स से ही ऑडिट प्रक्रिया को पूरा कराना आवश्यक है।
स्थानीय स्तर पर योग्य ऑडिटर्स की है कमी
वर्तमान में एक समस्या यह है कि हरियाणा में स्थानीय स्तर पर योग्य ऑडिटर्स की कमी है। क्योंकि चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य योग्य पेशेवर अकाउंटेंट्स गाँवों और छोटे शहरों में काम करने और काम करने में रुचि नहीं रखते हैं, यह समस्या उत्पन्न हो रही है। इस समस्या का समाधान करने के लिए, ऑडिटर जनरल ने सरकार को सुझाव दिया है कि स्थानीय क्षेत्रों में काम करने के लिए इच्छुक अकाउंटेंट्स का समूह बनाया जाए और इन निकायों के लिए सरल खाते तैयार करने के लिए आवश्यक कौशल को बढ़ावा दिया जाए।
2022 में ऑनलाइन प्रमाणन पाठ्यक्रम का हुआ शुभारंभ
सीएजी ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए नवंबर 2022 में ऑनलाइन प्रमाणन पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया था, जिसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए तीन महीने के कोर्स शामिल हैं। इससे प्रमाणित होने के बाद अकाउंटेंट्स स्थानीय निकायों में रोजगार की खोज कर सकते हैं और समय के साथ स्थानीय क्षेत्रों में प्रमाणित अकाउंटेंट्स का एक पूल तैयार होगा।