main qimg b5bacbf18d03763eb5afc7c87b36f2b7 lq

Haryana के IPS कैडर स्ट्रेंथ बढ़ाने के प्रस्ताव में खामियां, सीनियर अधिकारियों को प्रमोशन में और करना होगा इंतजार

पंचकुला बड़ी ख़बर हरियाणा

प्रदेश के सीनियर अधिकारियों को अपने प्रमोशन को लेकर अभी और इंतजार होगा, क्योंकि हरियाणा की ओर से आईपीएस कैडर स्ट्रेंथ बढ़ाने का जो प्रस्ताव हरियाणा की ओर से गया था, उसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कई कमियां बताई हैं। एमएचए की ओर से आईपीएस अधिकारियों के कैडर की समीक्षा के लिए संशोधित प्रस्ताव सही प्रोफार्मा में भरकर भेजने को कहा गया है।

हरियाणा ने 11 अगस्त को केंद्र सरकार को आईपीएस अधिकारियों के लिए स्वीकृत पदों की संख्या में वृद्धि किए जाने को लेकर एक प्रस्ताव भेजा था। सूत्रों का कहना है कि राज्य ने कैडर की संख्या को मौजूदा 144 से बढ़ाकर 167 करने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें कैडर पद, एक्स-कैडर पद और ऑफिसर ऑन ट्रेनिंग के पद शामिल हैं।

पदों को मौजूदा 90 करने का प्रस्ताव
हरियाणा की ओर से जो प्रस्ताव भेजा गया है, उसमें स्टेट कैडर के पदों को मौजूदा 79 से बढ़ाकर लगभग 90 करने का प्रस्ताव है। जबकि डीजीपी के कैडर पदों को मौजूदा दो से बढ़ाकर तीन का प्रपोजल दिया गया है। इसके अलावा एडीजीपी के पदों की संख्या 6 से आठ किए जाने का प्रस्ताव हरियाणा की ओर से दिया गया है। आईजीपी 18, डीआईजी 15 से 18 और एसपी, डीसीपी और अन्य के 44 पद किए जाने का प्रस्ताव है।

पांच साल के अंतराल पर समीक्षा की जानी आवश्यक
​​​​​​​आईपीएस (कैडर) नियम 1954 के नियम 4 (2) के अनुसार, 1995 में संशोधित, आईपीएस कैडर की ताकत और संरचना की समीक्षा आमतौर पर पांच साल के अंतराल पर की जानी आवश्यक है। इसलिए आईपीएस के हरियाणा कैडर की ताकत और संरचना की समीक्षा 2022 में होनी थी। चूंकि इसकी नीयत तारीख के बाद 20 महीने पहले ही बीत चुके हैं, आईपीएस अधिकारी कैडर ताकत समीक्षा के नवीनतम दौर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

गृह मंत्रालय को भेजा था प्रस्ताव

गृह मंत्रालय ने फरवरी 2022 से सितंबर 2023 तक हरियाणा सरकार को 7 पत्र लिखकर आईपीएस अधिकारियों की कैडर ताकत और संरचना की समीक्षा करने के उद्देश्य से एक प्रस्ताव मांगा। इस साल 11 अगस्त को राज्य सरकार ने कैडर संख्या की समीक्षा के लिए गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा था। हालांकि दो सप्ताह बाद गृह मंत्रालय ने राज्य को एक संशोधित प्रस्ताव भेजने के लिए कहा, जो निर्धारित प्रोफार्मा प्रस्ताव में सभी मामलों में विधिवत पूरा हो।