Haryana में लिंगानुपात सुधार को लेकर स्वास्थ्य विभाग सख्त, CHC-PHC में गिरावट पर एसएमओ और एमओ होंगे जवाबदेह, गांववार डेटा जुटाने के निर्देश

Haryana में लिंगानुपात सुधार को लेकर स्वास्थ्य विभाग सख्त, CHC-PHC में गिरावट पर एसएमओ और एमओ होंगे जवाबदेह, गांववार डेटा जुटाने के निर्देश

हरियाणा

Haryana में लगातार लिंगानुपात में हो रही गिरावट को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। शुक्रवार को पंचकूला में आयोजित एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला के दौरान महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. कुलदीप सिंह ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अब सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) और पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) स्तर पर गिरते लिंगानुपात के लिए संबंधित एसएमओ (सीनियर मेडिकल ऑफिसर) और एमओ (मेडिकल ऑफिसर) जिम्मेदार होंगे।

पांच वर्षों का गांववार लिंगानुपात डेटा मांगा गया

डॉ. सिंह ने कहा कि हर जिले को लिंगानुपात सुधार के लिए सक्रिय और परिणाम आधारित दृष्टिकोण अपनाना होगा। कार्यशाला के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव ने सभी जिलों को निर्देश दिए कि पिछले 5 वर्षों का एएनएम रजिस्टर के अनुसार गांववार लिंगानुपात डेटा तत्काल एकत्र किया जाए।

अवैध दवाओं और MTP केंद्रों की जांच तेज़ होगी

डॉ. यादव ने कहा कि पीएनडीटी (Pre-Natal Diagnostic Techniques) और एमटीपी (Medical Termination of Pregnancy) अधिनियम के पालन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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  • जिला औषधि नियंत्रण अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे सभी एमटीपी केंद्रों का निरीक्षण करें और अवैध गर्भपात दवाओं की जांच करें।
  • राज्य औषधि नियंत्रक ने इस अवसर पर एमटीपी अधिनियम पर प्रस्तुति भी दी और विभागीय समन्वय को बेहतर करने की आवश्यकता पर बल दिया।

रिपोर्ट की सत्यता पर होगी जिम्मेदारी तय

डॉ. यादव ने दोहराया कि यदि किसी केंद्र को स्थानीय स्तर पर क्लीन चिट दी जाती है और राज्य स्तर की जांच में कोई उल्लंघन सामने आता है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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