March of farmer organizations to Delhi

Ambala : किसानों के दिल्ली कूच से Haryana में हाईअलर्ट, Paramilitary की 50 कंपनियां रखेंगी चप्पे-चप्पे पर नजर, सीमावर्ती जिलों में बैरीकेडिंग शुरु, पुलिस की छुटि्टयां रद्द

अंबाला बड़ी ख़बर हरियाणा

हरियाणा के रास्ते दिल्ली कूच करने वाले किसान संगठनों के आंदोलन के ऐलान को लेकर राज्य सरकार सतर्क हो गई है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए हरियाणा के सभी सीमावर्ती जिलों में बैरीकेडिंग कर दी गई है। केंद्र ने हरियाणा को पैरामिलिट्री की 50 कंपनियां अलॉट कर दी हैं। आज यह कंपनियां हरियाणा में पहुंच जाएंगी। रिजर्व में रखी गई फोर्स को अशांति की आशंका वाले क्षेत्रों में तैनात कर दिया गया है। साथ ही पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। इसके अलावा अंबाला और सोनीपत में धारा 144 लगा दी गई है।

गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) 13 फरवरी को दिल्ली कूच के ऐलान पर अडिग नजर आ रहा है। वीरवार को चंडीगढ़ में हुई केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बैठक में सभी मांगों पर सहमति नहीं बन पाई है। बताया जा रहा है कि सबसे अहम एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने की मांग को लेकर केंद्रीय मंत्री फैसला नहीं ले पाए हैं। ऐसे में हरियाणा-पंजाब के विभिन्न किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। दिल्ली कूच को लेकर कई किसान संगठन हरियाणा की सीमाओं पर एकत्रित होना शुरू हो गए हैं। वहीं प्रदेश की पुलिस ने आपात स्थिति से निपटने के लिए रणनीति तैयार की है।

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बता दें कि 16 फरवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा के दौरे पर आ रहे हैं। इसके अलावा 20 फरवरी से हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसे में अगर किसान दिल्ली कूच करते हैं तो हरियाणा पुलिस के सामने इनसे निपटना बड़ी चुनौती होगी। बता दें कि वर्ष 2020 में किसानों द्वारा दिल्ली के सिंधू और टिकरी बॉर्डर पर 1 साल 13 दिन आंदोलन किया गया था। आंदोलन के दौरान किसानों ने केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों का विरोध किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून वापस लेने का ऐलान किया था। साथ ही केंद्र सरकार और किसानों के बीच 4 बड़ी मांगों पर सहमति बनी थी।

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बता दें कि हरियाणा का जिला अंबाला, कुरूक्षेत्र, सिरसा, जींद, हिसार और फतेहाबाद पंजाब की सीमा से सटे हुए हैं। दूसरी तरफ यमुनानगर, करनाल, सोनीपत और पानीपत उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे हुए हैं। इसके अलावा झज्जर जिले का कस्बा बहादुरगढ़ देश की राजधानी दिल्ली से सटा है। पिछली बार हुए किसान आंदोलन के दौरान किसानों का मुख्य केंद्र सोनीपत का बहालगढ़ तथा झज्जर जिले में बहादुरगढ़ बॉर्डर रहा था।

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किसानों द्वारा दोबारा दिल्ली कूच और आंदोलन के ऐलान को देखते हुए हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने प्रदेश के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों के साथ बातचीत की है। पुलिस आलाधिकारियों का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति किसान आंदोलन, सभा या जुलूस में शामिल होता है तो उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया जाएगा। पुलिस हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों की मदद भी ले सकती है। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत सिंह कपूर का कहना है कि प्रदेश की शांति व्यवस्था को किसी कीमत पर भंग नहीं होने दिया जाएगा।

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पंजाब की सीमा से सटे जिलों में पुलिस ने की नाकाबंदी, जांच शुरू

गौरतलब है कि अंबाला में शंभू बॉर्डर पर पंजाब के कुछ किसान संगठन एकजुट होना शुरू हो गए हैं। जिसके चलते पंजाब की सीमा से सटे जिलों में पुलिस ने नाकाबंदी कर बाहर से आने वालों की जांच करना शुरू कर दिया है। उधर झज्जर पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड़ पर नजर आ रही है। पुलिस अधीक्षक अर्पित जैन ने टिकरी बॉर्डर पर देर रात सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

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दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ में पुलिस नाकों पर तैनात पुलिस कर्मचारियों को उचित दिशा-निर्देश दिए गए हैं। पुलिस अधीक्षक अर्पित जैन के अनुसार झज्जर जिले की ओर से अभी तक अतिरिक्त पुलिस फोर्स की कोई मांग नहीं की गई है। अगर व्यवस्था बिगड़ती है तो मांग की जा सकती है। इतना ही नहीं झज्जर पुलिस के आला अधिकारी जल्द ही दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से कोऑर्डिनेशन मीटिंग करने वाले हैं।

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गुरनाम चढ़ूनी को संदेशे का इंतजार, राकेश टिकैत ने 16 फरवरी को भारत बंद का किया आह्वान

हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के अध्यक्ष गुरनाम चढ़ूनी ने दिल्ली कूच और आंदोलन से किनारा कर लिया है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि दिल्ली कूच का ऐलान सभी संगठनों की राय से नहीं किया गया। जहां इज्जत पर बटा लगता हो, वहां आदमी को जाने से परहेज करना चाहिए। अगर किसान संगठन उन्हें बुलाएंगे तो वह आंदोलन में जरूर शामिल होंगे, लेकिन अभी तक उनके पास ऐसा कोई संदेशा नहीं आया है। यह खुद को स्थापित करने और बड़ा नेता बनाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है।

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वहीं नोएडा में वीरवार को हुए किसानों के विरोध मार्च में भाकियू नेता राकेश टिकैत ने किसानों, युवाओं, दिहाड़ी मजदूरों सहित अन्य को प्रभावित करने वाले कई मुद्दों का हवाला देते हुए 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है। टिकैत ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा है कि समाज के सभी वर्गों को एक साथ आना चाहिए। अपनी लंबित मांगों के लिए 16 फरवरी को भारत बंद को सफल बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।