Hisar में राजकीय शोक के कारण गांव राखीगढ़ी में आयोजित हो रहा राज्य स्तरीय राखीगढ़ी महोत्सव रद्द कर दिया गया है। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त सी. जयाश्रद्धा ने दी।
उन्होंने बताया कि महोत्सव 21 और 22 दिसंबर को आयोजित नहीं किया जाएगा। पहले इसे तीन दिनों (20 से 22 दिसंबर) के लिए प्रस्तावित किया गया था। राजकीय शोक के चलते इसे स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। आयोजकों ने कहा कि महोत्सव के लिए नई तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी।
आज से तीन दिवसीय राखीगढ़ी महोत्सव रद्द कर दिया गया है। कैबिनेट मंत्री अरविंद शर्मा ने इसका उद्घाटन करना था। 22 दिसंबर 2024 तक चलने वाले इस महोत्सव में हर दिन विशेष गतिविधियों का आयोजन किया जाना था।
हेरिटेज वॉक और पुरातात्विक जानकारी:
अतिरिक्त उपायुक्त सी. जयाश्रद्धा ने बताया कि महोत्सव के दौरान पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) विद्यार्थियों को पुरातत्व स्थलों की खोज और खुदाई की प्रक्रिया सरल भाषा में समझाएगा।

- टीले नंबर 1, 2, 3 और 4 पर हेरिटेज वॉक का आयोजन होना था।
- संग्रहालय भ्रमण, सेमिनार, व्याख्यान और वर्कशॉप के माध्यम से विद्यार्थियों को इतिहास और संस्कृति से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी।
विशेष आकर्षण:
पुरातात्विक टीले:
महोत्सव में टीले नंबर 6 और 7 को संरक्षित घोषित किया गया है। अन्य संरक्षित टीले, जैसे धोलावीरा और लोथल की तरह, राखीगढ़ी की इस विरासत को भी प्रदर्शित किया जाएगा।

- प्राचीन वस्तुएं: ऊंट की सवारी में इस्तेमाल होने वाले पिलान, प्राचीन चरखा, लकड़ी गाड़ी के पहिए, 200 साल पुराने तेल वाले कूपें, भारी भरकम ढोल, हुक्का, और वजनी बाट मुख्य आकर्षण का केंद्र बने हैं।
किड्स जोन:
बच्चों के मनोरंजन के लिए विशेष किड्स जोन स्थापित किए गए हैं।
- खेल प्रतियोगिताएं: रस्साकसी, नींबू-चम्मच दौड़, मटका दौड़, कुश्ती, कबड्डी और 100 मीटर दौड़ आयोजित की जाएंगी।
- बच्चों के लिए पुरातात्विक स्थलों का भ्रमण भी आयोजित किया जाएगा।
प्रदर्शनी और सरकारी योजनाओं की जानकारी:
- विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनी स्टॉल लगाए गए हैं।
- इन स्टॉलों पर सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी ताकि अधिक से अधिक लोग लाभ उठा सकें।
- मुख्य द्वार के निकट हेरिटेज वॉक का मार्ग बनाया गया है।
राखीगढ़ी: हड़प्पा सभ्यता का गढ़:
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार राखीगढ़ी के सात में से चार टीले पहले ही संरक्षित घोषित किए जा चुके हैं। हाल ही में टीले नंबर 6 और 7 को भी संरक्षित घोषित किया गया है।
डॉ. नंदिनी भट्टाचार्य ने बताया कि राखीगढ़ी, धोलावीरा, लोथल, पिजौर, कालीबंगा और बनावली जैसे स्थलों से हड़प्पा कालीन अवशेष प्राप्त हुए हैं।
यह महोत्सव न केवल इतिहास और संस्कृति के प्रेमियों के लिए विशेष है, बल्कि यह बच्चों और युवाओं के लिए भी ज्ञानवर्धक और मनोरंजक अनुभव साबित होगा।