Tax Bar Association and taxation officers held a press conference

Hisar : ओटीएस योजना पर टैक्स बार एसोसिएशन व Taxation Officers ने की प्रैसवार्ता, योजना से टैक्स राशि चार कैटेगरी में विभाजित

बड़ी ख़बर हरियाणा हिसार

हिसार : आबकारी एवं कराधान विभाग के माध्यम से एक मुश्त व्यवस्थापन-2023 (ओटीएस) योजना को लेकर हिसार में टैक्स बार एसोसिएशन व टैक्सेशन विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के तहत 1 जनवरी 30 मार्च 2024 के तहत जीएसटी लागू होने से पहले सात अलग-अलग कर अधिनियमों से संबंधित मामलों में लंबित करों की अदायगी में ब्याज और जुर्माने में छूट के साथ चार श्रेणी निर्धारित करते हुए करों की अदायगी की जा सकेगी।

बता दें कि यह स्कीम विभाग की 30 जून 2017 तक की अवधि के तहत बकाया टैक्स राशि के निपटान का अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत वैल्यू एडिड टैक्स यानी वैट की सात अलग अलग टैक्स समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा। जिसमें हरियाणा मूल्य वर्धित कर अधिनियम 2003, केन्द्रीय विक्रय कर अधिनियम 1956, हरियाणा स्थानीय क्षेत्र विकास कर अधिनियम 2000, हरियाणा स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर कर अधिनियम 2008, हरियाणा सुख साधन कर अधिनियम 2007, पंजाब मनोरंजन शुल्क अधिनियम 1955, (1955 का पंजाब अधिनियम 16), हरियाणा साधारण विक्रय कर अधिनियम 1973 अधिनियम शामिल है। एक्साइज टैक्सेशन ऑफिसर राकेश कुमार ने कहा कि ओटीएस योजना के तहत टैक्स राशि को चार कैटेगरी में विभाजित किया गया है। जिसमें स्वीकृत शुल्क श्रेणी में ऐसे शुल्क को शामिल किया गया है। जिसमें कोई विवाद नहीं है। इस श्रेणी के तहत टैक्स पेयर को बिना किसी जुर्माना व ब्याज राशि के सौ प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा।

करदाता को 50 प्रतिशत राशि का करना होगा भुगतान

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वही विवादित कर कैटेगरी के तहत 50 लाख रुपए से कम की आउटस्टैंडिंग राशि पर 30 प्रतिशत व 50 लाख से अधिक राशि की आउटस्टैंडिंग पर करदाता को 50 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा। ओटीएस स्कीम की तीसरी श्रेणी निर्विवादित कर के तहत विभाग द्वारा जो टैक्स बनाया गया है व इसमे करदाता की ओर से कोई अपील नहीं की गई। ऐसी टैक्स आउटस्टैंडिंग में 50 लाख रुपए से कम टैक्स राशि पर 40 प्रतिशत व 50 लाख से ऊपर राशि होने पर 60 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। इस श्रेणी में भी टैक्स पेयर को जुर्माना व ब्याज राशि मे राहत दी गई है। वहीं चौथी श्रेणी में अन्तरीय कर में टैक्स रेट की अंतर वाली आउटस्टैंडिंग को शामिल किया गया है।

योजना में आसान किश्त जैसी सुविधा को भी जोड़ा

वहीं इस श्रेणी में सरकार ने करदाता को राहत प्रदान करते हुए कुल आउटस्टैंडिंग की केवल 30 प्रतिशत राशि भुगतान करने की छूट दी है। ओटीएस स्कीम के तहत करदाता को राहत देते हुए इस योजना में आसान किश्त जैसी सुविधा को भी जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि जिस करदाता की टैक्स आउटस्टैंडिंग 10 लाख से नीचे है, तो उसे पूरी आउटस्टैंडिंग 30 मार्च से पहले एकमुश्त जमा करनी होगी। वहीं 10 लाख से 25 लाख की टैक्स आउटस्टैंडिंग में करदाता को दो किस्तों में पचास-2 प्रतिशत की किस्तों में बकाया राशि जमा करानी होगी। इसी प्रकार 25 लाख से अधिक आउटस्टैंडिंग होने पर पहले 90 दिन की अवधि में पहली किस्त के रूप में 40 प्रतिशत राशि, अगले 90 दिन की अवधि में दूसरी किस्त के रूप में 30 प्रतिशत व आगामी 90 दिनों में अंतिम किश्त के रूप में 30 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा।