Home Minister and CM meet

Haryana CMO विवाद में Home Minister ने CM से की मुलाकात, चर्चा के दौरान अधिकारियों के रवैये से कराया अवगत, स्थायी समाधान की मांग

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हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की पिछले माह 5 अक्तूबर से स्वास्थ्य विभाग पर नजर नहीं है। तब से विज विभाग का कामकाज नहीं देख रहे हैं, लेकिन अब जल्द ही इस मामले में परिणाम सामने आ सकते हैं। सूत्रों की मानें तो गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मामले को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निमंत्रण पर उनके साथ मुलाकात की है। गृह मंत्री विज ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ मुलाकात के दौरान उनसे सभी बातें खुलकर की हैं।

बता दें कि हरियाणा में चल रहे सीएमओ विवाद के कारण गृहमंत्री के बीच मुख्यमंत्री के साथ एक मीटिंग हुई। इस मीटिंग में स्वास्थ्य विभाग के मुद्दे पर चर्चा की गई और स्थायी समाधान की मांग की गई है। गृहमंत्री ने फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की देखरेख से इनकार किया है और स्थायी समाधान की मांग की है। मुख्यमंत्री से सकारात्मक आश्वासन मिलने पर भी गृहमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की फाइलों पर काम नहीं करने की बात कही है। यह विवाद 5 अक्टूबर से चल रहा है और इसका समाधान होने के बाद ही गृहमंत्री ने काम पर लौटने की बात कहीं है।

गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के रवैये की भी जानकारी दी और स्थायी समाधान की मांग की है। हालांकि समाधान की मांग के बाद भी गृहमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की फाइलों पर काम करने से इनकार किया है और उनके कार्यालय में कई फाइलों का ढेर लगा हैं। इसके बाद भी वह इस मुद्दे का स्थायी समाधान चाहते हैं, तब तक वह काम पर वापस नहीं लौटेंगे। गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद भी स्वास्थ्य विभाग पर काम करने की इच्छा नहीं जताई है। इस विवाद की मुख्य वजह यह है कि 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्वास्थ्य विभाग की रिव्यू मीटिंग की गई। जिसमें स्वास्थ्य महानिदेशक और अन्य अधिकारी मौजूद थे, लेकिन गृहमंत्री अनिल विज ने भाग नहीं लिया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का गृहमंत्री के विभाग में तबादला किया गया, जिस पर उन्होंने अपनी आपत्ति जताई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गृहमंत्री अनिल विज की बात सुनकर सीएमओ और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर जल्द समाधान करने की बात कही है।

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वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गृह मंत्री अनिल विज को मनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग में अपनी मनमर्जी चलाने वाले अधिकारियों की रिपोर्ट तैयार की है। वहीं केंद्र से हिदायत मिलने के बाद सीएम इस मामले को ज्यादा खींचना नहीं चाहते हैं। जिसके चलते उन्होंने गृह मंत्री से मुलाकात कर मामले का जल्द निपटाने में जुट गए हैं। हालांकि गृह मंत्री ने भी मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात में कोई शर्त नहीं रखी है। फिर भी वह मामले का स्थाई समाधान चाहते हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस मामले को जल्द निपटाने के लिए जुट गए हैं।

गृह मंत्री अनिल विज की नाराजगी का मुख्य कारण 5 अक्तूबर को मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से रखी गई स्वास्थ्य विभाग की रिव्यू मीटिंग है। बैठक को मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश कुमार खुल्लर की ओर से लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में बुलाया गया था। जिसमें स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर सहित सभी विभागों के अध्यक्ष शामिल थे। हालांकि इस बैठक में गृह मंत्री विज ने भाग नहीं लिया। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इस मीटिंग का उद्देश्य स्वास्थ्य विभाग के अधूरे पड़े कार्यों को पूरा करना बताया गया था।

इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय और गृह मंत्री के बीच हो रहे विवाद का मामला हाईकमान तक पहुंच गया था। मामले को लेकर गृह मंत्री ने भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ और अंबाला में आरएसएस के प्रांत प्रचारक विजय कुमार से मुलाकात कर बातचीत की थी। वहीं 10 घंटे बाद 30 अक्तूबर शाम को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा की पत्नी मल्लिका नड्‌डा ने गृह मंत्री विज से अंबाला में उनके घर पर मुलाकात की थी। हरियाणा में भाजपा के वर्ष 2014 और 2019 के कार्यकाल के दौरान भी अनिल विज ने अपने विभागों में सीएमओ के हस्तक्षेप पर नाराजगी जताई थी।

विज की आपत्ति के बाद मुख्यमंत्री को सीएमओ के एक अधिकारी से स्वास्थ्य विभाग वापस लेना पड़ा था। बता दें कि सीएमओ के 2 अधिकारियों को अनिल विज के विभागों में लगाया गया। इनमें मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश कुमार खुल्लर को गृह विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव और CM के एडिशनल प्रिंसिपल सेक्रेटरी वी. उमाशंकर को लोकल बॉडीज में प्रधान सचिव का कार्यभार दिया गया। इस पर भी विज ने आपत्ति जताई।