हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग का सीईटी ग्रुप डी का करेक्शन पोर्टल ठप्प नजर आ रहा है, क्योंकि जैसे ही साइट पर अभ्यर्थी अपने डॉक्यूमेंट अपलोड कर रहे हैं, तो सरवर एरर दिखाना शुरू कर देता है। जिससे अभ्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इतना ही नहीं विद्यार्थी कंफ्यूज भी हैं, क्योंकि नोटिस में डेट ऑफ बर्थ, कैटेगरी, सब कैटिगरी चेंज करने की बात की गई है, जबकि पोर्टल खोलते ही ऑप्शन आता है कि आप ग्रुप डी की नौकरी करना चाहते हैं या नहीं। जिसमें यैस पर क्लिक होने के बाद ही अगला स्टेप आता है और अंतिम प्रक्रिया में भी यही सवाल पूछा जा रहा है। बता दें कि ऐसे में जिन अभ्यर्थियों के डॉक्यूमेंट पहले से ठीक है, अब वह असमंजस में है कि वह पोर्टल खोलकर वहां यैस-नो के ऑप्शन पर क्लिक करें या नहीं। एचएसएससी के नोटिस में इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है।
वही पोर्टल पर करेक्शन की अंतिम तिथि 28 मार्च को शाम 5:00 बजे तक की है। लाखों अभ्यर्थियों ने ग्रुप डी की परीक्षा दे रखी है और पास की है। ऐसे में अब एक साथ इतने बच्चे अप्लाई कर रहे हैं, हो सकता है साइट में एरर आ जाए, आयोग आनन-फानन में यह काम कर रहा है।
स्पष्ट नोटिस की मांग
सोशल मीडिया के माध्यम से एचएसएससी से यैस-नो के ऑप्शन के बारे में स्पष्ट नोटिफिकेशन की मांग कर रहे हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बजट सेशन के दौरान विधानसभा में कहा था कि हम 29 फरवरी तक हरियाणा के 28000 युवाओं को ग्रुप सी और डी की नौकरियां देंगे। ऐसे में कर्मचारी आयोग पूरी तेजी से प्रक्रिया पूर्ण करने की कोशिश में है।
कोर्ट में चल रहे 2 मामले
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की संयुक्त पात्रता परीक्षा के दो मामले पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में है। जिसमें ग्रुप 5657 का मामला अर्जेंट हियरिंग में सुना जाएगा। वहीं सामाजिक आर्थिक पिछड़ापन के अंक भी अभी न्यायालय में होल्ड पर हैं। एक-दो दिन में कोर्ट में सुनवाई होनी है, उसके बाद इन पर फैसला आने की पूरी उम्मीद है। जिस तरह से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में बयान दिया है। उससे लग रहा है कि सरकार को पूरी उम्मीद है कि फैसला सरकार के पक्ष में आएगा और विद्यार्थियों की नौकरी का रास्ता खुल जाएगा।
करीब 10 हजार के करीब दे चुके नौकरी
जनवरी-फरवरी में हरियाणा सरकार ने ग्रुप सी के विभिन्न कैटेगरी के एग्जाम लिए थे। उसके बाद ताबड़तोड़ तरीके से रिजल्ट घोषित करके जॉइनिंग भी दी गई है। चुनाव से पहले सरकार विपक्ष को नौकरियों के नाम पर घेरने का मुद्दा नहीं देना चाहती।