फरीदाबाद, पलवल और नूंह जिलों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर जलभराव की समस्या और इससे जुड़े विकास मुद्दों को लेकर मंडल आयुक्त संजय जून की अध्यक्षता में लघु सचिवालय स्थित सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में तीनों जिलों के उपायुक्तों, विभागीय अधिकारियों और ग्राम सरपंचों ने भाग लिया। इस दौरान जलभराव से निपटने के लिए समुचित उपायों पर चर्चा हुई और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए।
समस्या की जमीनी रिपोर्ट और आवश्यक कार्रवाई
बैठक में जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने स्पष्ट किया कि सरकार के निर्देशानुसार जनता के हितों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जलभराव की समस्या से निपटने के लिए आवश्यक रिपोर्ट तैयार करें और इसकी पुष्टि ग्राउंड सर्वे के माध्यम से सरपंचों की उपस्थिति में करें।
मंडल आयुक्त संजय जून ने भी जोर देते हुए कहा कि बरसात के मौसम में यातायात बाधित नहीं होना चाहिए और विशेष रूप से अंडरपास में जलभराव की समस्या को तत्काल प्रभाव से हल किया जाए। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद, पलवल और नूंह में राष्ट्रीय राजमार्गों डीएनडी, केएमपी और दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे पर स्थित अंडरपास में जलभराव की संभावनाओं की पहचान कर पूर्वानुमानित समाधान अपनाना जरूरी है।
जलभराव रोकने के लिए प्रभावी उपाय
मंडल आयुक्त ने संबंधित विभागों को आपसी समन्वय बनाकर उन स्थानों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए, जहां बरसाती पानी जमा होता है। उन्होंने कहा कि अंडरपास की नियमित जांच और समय पर मरम्मत की जाए ताकि संरचनात्मक समस्याओं को रोका जा सके। जलभराव की निकासी के लिए उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने और भारी बारिश के दौरान मोटर पंप लगाने के निर्देश भी दिए गए। इसके अतिरिक्त, जल निकासी नालों की नियमित सफाई कर सिल्ट और कचरे के जमाव को रोकने के लिए कहा गया।
आधुनिक तकनीकों का उपयोग
जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जलभराव को रोकने के लिए प्रभावी जल निकासी प्रणाली, आधुनिक तकनीक और जल पुनर्चक्रण प्रणाली का उपयोग किया जाए। संबंधित विभागों को नियमित रूप से समन्वय बनाकर जलभराव वाले क्षेत्रों की पहचान कर उपाय करने के लिए कहा गया।
ड्रेनेज और लिंक रोड की समीक्षा
मंडल आयुक्त ने सिंचाई विभाग को निर्देश दिया कि वे ड्रेन के नेचुरल फ्लो की जांच करें और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को हाईवे के साथ लिंक रोड विकसित करने के विकल्पों पर विचार करने को कहा। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि फील्ड विजिट के दौरान संबंधित गांव के सरपंच भी मौजूद रहें।
जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने सुझाव दिया कि उन गांवों के लिए मासिक टोल पास की सुविधा दी जाए, जहां से हाईवे गुजर रहा है। साथ ही, सिंचाई विभाग को निर्देश दिया गया कि दिल्ली-मुंबई और जेवर एक्सप्रेसवे से जुड़े क्षेत्रों में ड्रेनेज कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने जल वाष्पीकरण प्रबंधन के लिए सोलर और स्प्रिंकलर जैसी आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर जोर दिया।
बैठक में नूंह डीसी विश्राम कुमार मीणा, पलवल एडीसी अखिल पिलानी, फरीदाबाद एडीसी साहिल गुप्ता, एसडीएम फरीदाबाद शिखा, एसडीएम बल्लभगढ़ मयंक भारद्वाज, सीटीएम अंकित कुमार सहित तीनों जिलों के अधिकारी और ग्राम सरपंच उपस्थित रहे।