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Sonipat : किसान आंदोलन को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा किए गए हैं रुट डाइवर्ट, कंटीली तारबंदी के साथ-साथ भारी पत्थर के रखे गए बैरिकेट्स

पानीपत बड़ी ख़बर सोनीपत हरियाणा

किसानों के दिल्ली कूच को लेकर हरियाणा-पंजाब सीमा को सील किया गया है। किसानों को रोकने को लिए हरियाणा पुलिस के साथ-साथ दिल्ली पुलिस की तरफ से भी मजबूत व्यवस्था की गई है। किसानों के ट्रैक्टर जत्थे को रोकने के लिए पट्टी कल्याणा में पानीपत और सोनीपत पुलिस एक साथ खडी है। सोनीपत में तीन केंद्रीय बल समेत 12 कम्पनी हर स्थिति से निपटने के लिए लगाई गई हैं। सोनीपत पुलिस के 2000 जवानों की ड्यूटी लगाई गई है।

दो जिलों की पुलिस को एकत्रित कर पानीपत के पट्टी कल्याणा में व्यवस्था की गई है और तमाम मजबूत इंतजाम के साथ पुलिस फोर्स और कम्पनियां तैनात की गई है। वहीं एनएच44 पर कुंडली बॉर्डर की सुरक्षा को लेकर सोनीपत में तीन केंद्रीय बल समेत 12 कम्पनी हर स्थिति से निपटने के लिए लगाई गई हैं। सोनीपत के कुंडली और सिंघु बॉर्डर पर वाहन सुचारु रुप से चल रहे हैं। किसानों की अंबाला से एंट्री होने के बाद हाईवे एनएच 44 पर अलर्ट के साथ पुलिस सबसे पहले किसानों को पट्टी कल्याणा पर रोकने का प्रयास करेगी।

राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर किया गया है रूट डायवर्ट

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राजमार्ग-44 से होकर सोनीपत से दिल्ली व दिल्ली से पानीपत की तरफ आने जाने वाले मार्ग पर वाहनों का आवागमन बंद करने की स्थिति में पुलिस ने नया रूट डायवर्ट प्लान जारी किया है। जहां दिल्ली से मुरथल होते हुए गन्नौर चौक, गन्नौर के नमस्ते चौक से गांव गुमड़, कैलाना, खानपुर से गोहाना होते हुए पानीपत जा सकते हैं। दिल्ली से मुरथल बाईपास नेशनल हाईवे-352ए से सोनीपत गोहाना बाईपास, गांव बड़वासनी, गांव मोहाना से गोहाना होते पानीपत भी जाया जा सकता है

पानीपत से दिल्ली की तरफ जाने के लिए : कुंडली-सिंघु बॉर्डर अवरुद्ध होने पर एनएच-44 से मुरथल बाईपास, सोनीपत गोहाना बाईपास, गांव बड़वासनी नहर मार्ग से, गांव महलाना, गांव रोहट, एनएच-344 पी, बवाना दिल्ली जाया जा सकता है। एनएच-44 से बीसवां मील चौक, गांव जठेड़ी, बारोटा चौकी, गांव बारोटा, सफियाबाद बॉर्डर दिल्ली जा सकते हैं। एनएच-44 से बीसवां मील चौक, गांव जठेड़ी, बारोटा चौकी, गांव छतहेरा, नाहरी लामपुर बॉर्डर से होते हुए दिल्ली जाया जा सकता है।

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एनएच-44 से नाथूपुर मोड़, गांव सबौली, आईटीबीपी कैंप सबौली से नरेला दिल्ली जा सकते हैं। एनएच-44 केएमपी से गांव पिपली टोल, गांव सैदपुर औचंदी बॉर्डर दिल्ली जा सकते हैं। एनएच-44 केजीपी से गांव खेकड़ा, लोनी बॉर्डर से दिल्ली जा सकते है। एनएच-44 पर थाना कुंडली के सामने से गांव सिंघु स्टेडियम, गांव जांटी, दहिसरा एमसीडी टोल से दिल्ली जा सकते हैं।

पुलिस ने हाईवे पर आवागमन से बचने की सलाह दी है

पुलिस उपायुक्त ट्रैफिक ने 13 फरवरी को लोगों से दिल्ली से पंजाब व पंजाब से दिल्ली मार्ग पर आवश्यकता होने पर ही यात्रा करने की सलाह दी है। साथ ही किसी तरह की समस्या आने पर तुरंत डायल-112 पर मदद ली जा सकती है।

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सुरक्षा के लगाई गई 6लेयर

प्रसाशन ने कुंडली बॉर्डर पर 6लेयर सुरक्षा बनाई गई है। एन44 पर दिल्ली जाने वाले वाहनों के लिए आवाजाही जारी है। जिला प्रशासन द्वारा रुट डाइवर्ट कर दिए गए है। कुंडली बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए कंटीली तारबंदी के साथ-साथ भारी पत्थर के बैरिकेट्स रखे गए हैं। वहीं डंपर में मिट्टी भर कर डंपरों के माध्यम से सुरक्षा लेयर बनाई गई है साथ ही बड़े-बड़े कंटेनर रखवा दिए गए हैं। हैंड आंसू गैस से गोले दागने के लिए महिला और पुरुष सुरक्षा बल तैनात किया गए है। वाटर कैनन का प्रयोग करने के लिए बड़ी संख्या में गाड़ियां मंगवाई गई है। अंबाला से कुंडली बॉर्डर तक पुलिस पूरी मुस्तेदी के साथ अलर्ट है।

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बैठकर समाधान करने की अपील

पुलिस कमीश्नर ने किसानों से अपील की है कि बैठकर समाधान करें। पिछले आंदेलन में 50 प्रतिशत इंडस्ट्री यहां से चली गई है। दोबारा आंदोलन हुआ तो सरकार, जनता और इंडस्ट्री को बहुत ज्यादा नुकसान होगा। किसानों की जींद के रास्ते दिल्ली पहुंचने की आशंका है इसलिए प्रशासन ने रोहतक, जींद रोड पर लाखन माजरा गांव के पास बेरी गेट्स लगाए है। साथ ही नुकीली कील, पत्थर के ब्लॉक और कंटेनर में मिट्टी भर एक साइड का रास्ता ब्लॉक कर दिया गया है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स को भी तैनात कर दिया गया है।

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दिल्ली ईस्टर्न रेंज के एडिशनल सीपी सागर सिंह कलसी ने कहा, “किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च को लेकर हमने बहुत कड़े इंतजाम किए है। हमारा लक्ष्य है कि किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से रोका जाए और ट्रैफिक को लेकर असुविधा ना हो। हमारी पूरी कोशिश है कि हम इस स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से निपटा लेंगे। वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, “मैंने चंडीगढ़ दो बार जाकर किसान संगठनों के साथ बातचीत की। लेकिन कुछ चीजों में हमें परामर्श लेने की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए हमें ये सुनिश्चित करना चाहिए कि इसका रास्ता क्या होगा। किसानों को समझने की जरूरत है कि भारत सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है और उनके साथ-साथ जनसामान्य को कोई कठिनाई ना हो। “