Haryana में जल्द ही इंटरनेशनल चेस चैंपियन गुकेश आ रहे हैं। अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (AICF) के अध्यक्ष नितिन नारंग ने गुकेश की इस शानदार जीत पर बधाई दी और कहा, “गुकेश की यह जीत न केवल उनके करियर में मील का पत्थर है, बल्कि शतरंज के इतिहास में भारत का नाम भी स्वर्ण अक्षरों में अंकित करती है। उनकी पूरे टूर्नामेंट में दिखाई गई एकाग्रता और धैर्य वाकई प्रेरणादायक हैं। गुकेश आज के युवाओं के लिए एक आदर्श बन गए हैं।”
नितिन नारंग ने कहा, “शतरंज के बादशाह विश्वनाथन आनंद के बाद, गुकेश को ‘क्राउन प्रिंस ऑफ चेस’ कहने में कोई गलती नहीं होगी। आज उन्होंने खुद को शतरंज का वह अभिमन्यु साबित किया है जिसने सही समय पर सही चाल चलते हुए अपने प्रतिद्वंदी के किलेबंदी को भेद दिया। गुकेश की दस वर्षों की कड़ी मेहनत अब रंग लाई है।”
नारंग ने यह भी कहा, “गुकेश के पीछे पूरी टीम की मेहनत भी है। यह महज संयोग नहीं है कि भारतीय क्रिकेट और हॉकी टीमों के साथ काम कर चुके धुरंधर पेशेवर कोच पैडी अप्टन ने गुकेश के मेंटल कंडीशनिंग पर अथक मेहनत की। इस मेंटल कंडीशनिंग का परिणाम था कि उन्होंने प्रतिद्वंदी की हर चाल को बारीकी से समझा और खेल के अंत में पूरी बाजी पलट दी।”
कोच ग्रेज़गॉर्ज गाजेव्स्की ने उनकी प्रतिभा को निखारा, खेल जीतने की अदम्य भावना से प्रेरित किया, प्रभावी खेल खेलने का कौशल सुधारने में मदद की, और सबसे महत्वपूर्ण कठिन समय में धैर्य बनाए रखने का मार्ग दिखाया।
हरियाणा के नितिन नारंग, जो नौ महीने पहले अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (AICF) के अध्यक्ष बने हैं, ने इस बार AICF की कमान संभाली है। करनाल से संबंध रखने वाले नारंग एआईसीएफ के सबसे कम उम्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, और उन्होंने 36 वर्ष की उम्र में यह पद हासिल किया है।
इससे पहले, नारंग हरियाणा शतरंज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। एआईसीएफ की इस प्रक्रिया में देश के 33 राज्यों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया था। नितिन नारंग खेल के साथ ही पॉलिटिकल कम्युनिकेशन और स्ट्रेटजी, उद्योग और इन्वेस्टर के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। उन्होंने एक अनुभवी राजनीतिक रणनीतिकार, सीरियल निवेशक और दूरदर्शी उद्यमी के रूप में पहचान बनाई है।