cleaning scam of Rs 10 crore in Kaithal

Kaithal में 10 करोड़ के सफाई घोटाले में ACB की बड़ी कार्रवाई, 15 टीमें कर रही छापेमारी, XEN-JE समेत 7 गिरफ्तार

कैथल

Kaithal जिले में जिला परिषद में सफाई घोटाले का मामला सामने आया है। एंटी करप्शन ब्यूरो(ACB) ने करीब 10 करोड़ रुपए के घोटाले में कार्रवाई की है। जिसमें पंचायती राज विभाग के एक्सईएन-जेई(XEN-JE), अकाउंटेंट और ठेकेदारों सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एसीबी(ACB) की 15 टीमें इस घोटाले में शामिल अन्य कर्मियों को भी पकड़ने के लिए मैदान में उतरी हैं। इस कार्रवाई के बाद कैथल(Kaithal) में अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।

बता दें कि घोटाले का इतिहास 2021 से शुरू हुआ, जब ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए जिला परिषद को 16 करोड़ 64 लाख रुपए की राशि मिली थी। इस राशि में से 10 करोड़ रुपए गांवों में स्वच्छता अभियान पर खर्च होने थे। कागजों में यह राशि खर्च होती दिखाई गई, लेकिन वास्तव में गांवों में सफाई का कोई काम नहीं हुआ। फर्जी बिल बनाकर 8 फर्मों को यह राशि जारी कर दी गई। भाजपा विधायक लीला राम ने इस मामले को सरकार के सामने उठाया और इसके बाद ACB को जांच सौंपी गई। जांच के बाद एसीबी ने कैथल के एसडीओ रहे रोहतक के तत्कालीन पंचायती राज एक्सईएन नवीन, कैथल में पंचायती राज के जेई रहे पिहोवा के जसबीर सिंह, लेखाकार कुलवंत और पंचायती राज के ठेकेदार गांव फरीदाबाद निवासी दिलबाग सिंह, गांव फतेहपुर निवासी अभय संधू और पूंडरी निवासी अनिल और राजेश को गिरफ्तार किया।

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एसीबी कैथल के इंचार्ज महेंद्र ने बताया कि पूरे मामले में कुल 15 आरोपी हैं, जिनमें से 7 को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। घोटाले का खुलासा कैसे हुआ, इसके बारे में बताया गया कि जिला परिषद वार्ड नंबर 7 के पूर्व जिला पार्षद बबली चंदाना ने अपने पति बिल्लू चंदाना के साथ सांकेतिक धरना देकर इस मामले को उजागर किया था। उनका आरोप था कि गांवों में सफाई के नाम पर भारी गड़बड़ी हुई है। सफाई तो हुई नहीं, लेकिन फर्जी बिल तैयार कर फर्मों के खातों में राशि डाल दी गई।

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सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरूपयोग

कैथल के मौजूदा विधायक लीला राम और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने भी इस मुद्दे को उठाया। दोनों ने आरोप लगाया कि विजिलेंस जांच चल रही है, लेकिन अब तक जांच कहां तक पहुंची है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। जांच के दौरान ACB ने पाया कि सफाई के नाम पर सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ है। गांवों में किसी प्रकार की सफाई नहीं की गई, लेकिन फर्जी बिलों के माध्यम से राशि जारी कर दी गई।

पंचायती राज विभाग के अधिकारी शामिल

मामले में शामिल लोगों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी धन का गबन किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में पंचायती राज विभाग के कई उच्च अधिकारी शामिल हैं। इनमें एक्सईएन नवीन, जेई जसबीर सिंह, लेखाकार कुलवंत और ठेकेदार दिलबाग सिंह, अभय संधू, अनिल और राजेश शामिल हैं। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने मिलकर फर्जी बिल बनाए और सरकारी धन का दुरुपयोग किया।

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