Karnal के डिफॉल्टर शराब ठेकेदारों(Defaulter Liquor Contractor) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने सरकार को करीब 44 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया है। अबकारी एवं कराधान विभाग(DETC) ने इन डिफॉल्टरों के खिलाफ नोटिस(Notice) जारी किया है। इसका मतलब है कि डिफॉल्टरों को अपने बकाया भुगतान करना होगा। विभाग की ओर से संपत्ति(Property) से वसूली करने की धमकी दी गई हैं।
बता दें कि यह कार्रवाई दर्जनों डिफॉल्टरों को नोटिस जारी करने के साथ की गई है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।इन डिफॉल्टरों की गलती यहां तक है कि उन्होंने शराब के ठेकों की फीस जमा नहीं की और सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया। इसके खिलाफ अब सरकारी विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। मामले में एक और बड़ा बिंदु है कि कुछ ठेकेदार ने अपने रिश्तेदारों और जानकारों के साथ मिलकर फर्म बनाकर शराब के ठेके अलॉट किए हैं। यह ठीक नहीं है, क्योंकि इसके बाद वे फीस जमा नहीं करते और सरकारी धन को अपने पास रख लेते हैं।
यहां तक कि कुछ ठेकेदारों ने अपने फर्म का नाम बदलकर फिर से ठेके अलॉट करवाए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि उन्हें सरकारी पैसे देने की कोई इच्छा नहीं है। अब सरकार ने डिफॉल्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। उन्हें नोटिस जारी किया गया है और उनसे उनके बकाया भुगतान करने का निर्देश दिया गया है। इस साल का 99 प्रतिशत बकाया पहले ही वसूल लिया गया है।
किस ठेकेदार पर कितने बकाया
डीईटीसी नीरज ने बताया कि अभी तक 2015 से 2019 और 2023 के बकायदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अगर ये डिफॉल्टर अपना बकाया नहीं भरते हैं, तो सरकार उनकी संपत्ति से राशि वसूलेगी। अगर बात की जाए दोबारा किन किन लोगों को ठेके अलॉट किए गए और उन पर कितने की देनदारी थी तो इसमें सबसे ऊपर नाम मुकेश बलड़ी का है। उसको 2016 व 2018 व 2019 में ठेके दिए गए और इस पर 4 करोड़ 41 लाख 445 रुपए बकाया है।
इसी तरह रघुबीर सिंह बलडी पर 1 करोड़ 45 लाख 81 हजार 523 रुपए, हरिंद्र पाल सिंघड़ा पर 2 करोड़ 68 लाख 37 हजार 861 रुपए, प्रदीप मंगलौरा 94 लाख 38 हजार 538 रुपए, सोनू जींद पर 22 लाख 71 हजार 788 रुपए, सत्यवान निगदू पर 21 लाख 68 हजार 697 रुपए व दीपक बलड़ी पर 12 लाख 77 हजार 680 रुपए बकाया हैं।